प्रदेश के स्नातक महाविद्यालयों में प्राचार्यों के 25 प्रतिशत पदों पर आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती होगी। बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड उच्चतर शिक्षा (समूह-क) सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर के सीधे कॉलेजों में प्राचार्य बनने की राह खुल गई है।
सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली ने बताया कि इस नियमावली में संशोधन के बाद आयोग के माध्यम से उन एसोसिएट प्रोफेसरों को सीधी भर्ती से प्राचार्य बनने का मौका मिलेगा, जो पीएचडी धारक हैं और कम से कम 15 साल का अनुभव होगा।
उन्होंने बताया कि आयोग में भर्ती के पैटर्न पर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा। ये भर्तियां इंटरव्यू या लिखित परीक्षा के आधार पर हो सकती हैं। इस निर्णय से स्नातक कॉलेजों में प्राचार्यों के पदों को भरने में भी आसानी होगी।