इस बार रुक-रुककर हो रही बारिश से बदरीनाथ हाईवे खस्ता हालत में पहुंच गया है। हाईवे पर 20 भूस्खलन और 11 भूधंसाव जोन सक्रिय हो गए है। कई पुराने भूस्खलन जोन भी सक्रिय हुए हैं। इससे वाहनों की आवाजाही खतरनाक बनी हुई है।
पुरसाड़ी और मैठाणा के बीच ट्रीटमेंट के पांच साल बाद फिर से भू-धंसाव शुरू हो गया है। यहां हाईवे का करीब 100 मीटर हिस्सा तेजी से अलकनंदा की ओर धंस रहा है। बदरीनाथ हाईवे पर ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य के तहत हुई हिल कटिंग से जगह-जगह फिर से पुराने भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हो गए हैं।
नंदप्रयाग के पास प्रथाडीप, मैठाणा, छिनका, बिरही, भनेरपाणी, हेलंग, टैय्या पुल, लामबगड़ और कंचनगंगा में इस बार भारी भूस्खलन शुरू हो गया। जिससे बार-बार हाईवे बाधित हो रहा है।
नंदप्रयाग के समीप प्रथाडीप में वर्ष 1999 में भूस्खलन शुरू हुआ। करीब तीन साल तक यहां लगातार भूस्खलन हुआ। सीमा सड़क संगठन की ओर से भूस्खलन क्षेत्र को छेड़े बिना यहां सड़क चौड़ीकरण कार्य किया गया। जिसके बाद भूस्खलन रुक गया था।
अब वर्ष 2021 में यहां ऑलवेदर रोड परियोजना की हिल कटिंग शुरू होते ही फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है। अब भूस्खलन चीड़ के जंगल तक पहुंच गया है। छोटे वाहन मिट्टी के टीलों से टकरा रहे हैं, और बाइक सवार कीचड़ में फिसल रहे हैं।
छिनका में भी करीब 250 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो रहा है। कमेड़ा में बीते दिनों हुआ भूस्खलन का भी दायरा बढ़ता जा रहा है। धूप खिलने पर मिट्टी सूखकर धूल बनकर उड़ रही है। जिससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
बदरीनाथ हाईवे पर 20 भूस्खलन और 11 भू धंसाव क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इनकी डीपीआर भी भारत सरकार को भेज दी गई है। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
– राजेश मौर्य, सहायक अभियंता, एनएचआईडीसीएल, चमोली