श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व दूसरे दिन भी उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया। आधी रात तक भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाता रहा। देर रात तक मंदिरों से लेकर घरों तक हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की… के जयकारे गूंजते रहे।
पूजन के साथ ही लड्डू गोपाल को झूला झुलाया गया। मंदिरों में कलाकारों ने सुंदर झांकियां सजाईं। छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण बनकर मंदिरों में पहुंचे। कहीं घने बादलों में भगवान शिव की छवि दिखाई गई तो कहीं लठमार और फूलों की होली खेली गई।
देहरादून के पृथ्वीनाथ मंदिर में मथुरा-वृंदावन से आए 31 कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव में मयूर डांस, डांडिया रास, महारास के साथ ही श्रीकृष्ण की लीला ने सभी का मन मोह लिया।
इसके अलावा मां भगवती की झांकी, हनुमान झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। राधा-कृष्ण बने कलाकारों ने हाथों में जलते दीपक लेकर नृत्य किया। वहीं, कई जगहों पर मटकी फोड़ कार्यक्रम भी हुए।
प्रेमनगर के श्री सनातन धर्म मंदिर में राधा-कृष्ण बनकर आए बच्चों को मंदिर समिति ने पुरस्कृत किया। यहां प्रधान सुभाष मांकिन, अवतार, रवि भाटिया, विक्की आदि मौजूद रहे। डीएल रोड स्थित चैतन्य गौडीय मठ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की आरती की गई। पटेलनगर स्थित श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर में सुंदर झांकियां निकाली गईं।
जोगीवाला में यादव समाज विकास समिति ने भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान महोत्सव में गीत-संगीत सुनकर लोग झूम उठे। मंदिरों मे आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही भक्तों में पालना झुलाने की होड़ लगी रही। वहीं मंदिरों में भगवान कृष्ण की आरती भी की गई।