
उप जिला चिकित्सालय प्रेम नगर में अस्पताल व्यवस्थाएं बदहाल हैं। पर्चा बनवाने से लेकर जांच करवाने तक मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। पर्चे बनाने का सिर्फ एक ही काउंटर खुलता है। पर्चे भी मैन्युअल बनाए जाते हैं। वहां पर न सिर के ऊपर छत है और न बैठने के लिए कोई व्यवस्था है। इस संबंध में एक साल पहले सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई थी लेकिन कोई कर्रवाई नहीं हुई।
अस्पताल में चंदन डायग्नोस्टिक लैब से टाइअप करके पीपीपी मोड पर लैब चलती है। मरीजों की जांच टिन शेड के नीचे होती है, लेकिन जो मरीज जांच के लिए आते हैं इनके सिर पर छत और बैठने के लिए कोई जगह नहीं है। मरीजों को खड़े होकर धूप में जांच के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा अस्पताल के पर्चे काउंटर पर पर्चे भी मैन्युअल बनते हैं। इसमें भी सिर्फ एक विंडो खोली जाती है। एक विंडो पर रोजाना करीब 100 मरीज लाइन लगाकर पर्चे बनवाते हैं। अपनी बारी का इंतजार करते हैं। जबकि डेढ़ साल पहले डिजिटल पर्चे बनाए जाते थे। प्रेम नगर के सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट ने इन समस्याओं के संबंध में एक साल पहले सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी और समस्या निस्तारण की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गर्भवती महिलाएं भी खड़ी रहती लाइन में
वीरू ने बताया कि गर्भवती महिलाएं भी लाइन में लगकर इंतजार करती हैं। वहां पर कोई बेंच ही डलवा दी जाए तो मरीजों को राहत मिल सकती है। हम सामाजिक कार्यकर्ता मदद करने को तैयार हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन किसी काम के लिए आगे ही नहीं आना चाहता।
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पर्चे बनाने वाला डिजिटल सिस्टम खराब हो गया है। इसके लिए बजट आएगा तब काम होगा। टिन शेड के लिए जो प्रस्ताव रखा था वह पास हो गया है। जल्द ही टिन शेड और बैठने की व्यवस्था हो जाएगी। – डॉ. राजेश कुमार सिंह आहलूवालिया, सीएमएस, प्रेम नगर अस्पताल