
भरतपुर बना साइबर ठगी का नया हाटस्पाट, जामताड़ा पांचवें स्थान पर – फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के शोध में सामने आए साइबर अपराध से जुड़े दिलचस्प तथ्य – यूपीआइ के माध्यम से की जा रही सबसे ज्यादा ठगी, 47.25 प्रतिशत पीड़ित इसके शिकार सोबन सिंह गुसांई, देहरादून पिछले कुछ समय में साइबर ठगी के तरीकों के साथ साइबर ठगों के ठिकाने भी बदले हैं।
अब राजस्थान का भरतपुर साइबर ठगी का हाटस्पाट बन गया है। जबकि, साइबर ठगी के लिए सर्वाधिक कुख्यात झारखंड का जामताड़ा शहर पांचवें स्थान पर खिसक गया है। हालांकि, झारखंड अब भी साइबर ठगों के लिए सबसे सुरक्षित अड्डा बना हुआ है।
सबसे ज्यादा घटनाएं यहीं से अंजाम दी जा रही हैं। फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) की ओर से साइबर अपराध पर किए गए शोध में यह बात सामने आई है। बात साइबर ठगी के तरीकों की करें तो मौजूदा समय में सबसे ज्यादा घटनाओं को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा है। सभी तरह के साइबर अपराधों की बात करें तो सबसे ज्यादा 77.41 प्रतिशत आर्थिक, 12.02 प्रतिशत आनलाइन एवं इंटरनेट मीडिया संबंधित और 1.57 प्रतिशत हैकिंग से संबंधित अपराध हो रहा है।