उत्तराखंड

देहरादून :- 106 साल की उड़नपरी परदादी ने चार गोल्ड जीतकर बनाया रिकॉर्ड

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली 106 साल की रामबाई ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 और 200 मीटर दौड़, रिले दौड़ और लंबी कूद में चार गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। रामबाई उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हुई 18वीं युवरानी महेंद्र कुमारी राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी बेटी और नातिन के साथ प्रतिभाग करने दून आई हैं। रामबाई अपने गांव की सबसे उम्रदराज महिला हैं और उन्हें उड़नपरी परदादी कहकर बुलाते हैं।

दून के परेड ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उड़नपरी परदादी ने सोमवार को चार प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था। चैंपियनशिप के मंगलवार को समापन पर प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर उड़नपरी परदादी को चार गोल्ड मेडल से नवाजा गया। उड़नपरी परदादी ने 104 साल की उम्र में प्रतियोगिताओं में दौड़ना शुरू किया था। सबसे पहले वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। इसके ठीक एक साल बाद गुजरात के वडोदरा में नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दोहरा स्वर्ण पदक जीता था। परदादी ने बताया, जब उन्होंने पहली बार 104 साल की उम्र में दौड़ लगाई तो समाज ने उनके और परिवार वालों के लिए तरह-तरह की बात बनाईं। लेकिन, उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और वह अब हर साल इस तरह की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करती हैं।

रोज 5-6 किमी दौड़ लगाती हैं परदादी, चूरमा, दही और दूध है पसंद
खुद को फिट रखने के सवाल पर उड़नपरी परदादी ने बताया, वह रोज सुबह 5-6 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं। चूरमा, दही और दूध उनका पसंदीदा भोजन है। रोज 250 ग्राम घी और आधा किलो दही के अलावा दिन में दो बार आधा-आधा लीटर दूध पीती हैं। वह बाजरे की रोटी पसंद करती हैं।

उड़नपुरी परदादी ने हरियाणवी अंदाज में कहा, छोरियां न पहले छोरों से कम थीं और न कम होंगी। यही वजह है कि वह अपनी बेटी संतरा और नातिन शर्मिला के साथ दून आई हैं। शर्मिला खुद कार चलाकर हरियाणा से दून आई हैं। परदादी के साथ उनकी बेटी और नातिन ने भी देहरादून में दौड़ लगाई।

रामबाई ने 100 मीटर की दौड़ 50 सेकंड में और 200 मीटर की दौड़ 110 सेकंड में पूरी की। शर्मिला ने बताया, इससे पहले भी उनकी नानी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 पदक हासिल कर चुकी हैं। वहीं, उनकी बेटी संतरा देवी ने इस प्रतियोगिता की रिले दौड़ और 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक, 200 मीटर दौड़ में रजत और 100 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। जबकि शर्मिला ने पांच किलोमीटर और 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक व 800 मीटर दौड़ में कांस्य पदक हासिल किया।

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