कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत उत्तराखंड वन विकास निगम के लालकुंआ स्थित डिपो में हुई करोड़ों की हेरा-फेरी के प्रकरण की पुलिस की एसआईटी जांच करेगी। इसके अलावा चकराता और टौंस वन प्रभागों में बड़े पैमाने हुए पेड़ कटान के प्रकरणों की जांच को विभागीय एसआईटी गठित की जाएगी।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बुधवार को वन विकास निगम मुख्यालय में हुई बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। वन विकास निगम के लालकुंआ स्थित डिपो नंबर-पांच में गबन का मामला तब सामने आया, जब वहां विशेष आडिट हुआ। यह घपला पांच करोड़ रुपये तक का होने का अनुमान है।
बात सामने आई कि इस वर्ष डिपो से लकड़ी कुछ बेची गई और बिल किसी अन्य के काटे गए। इस प्रकरण में अभी तक निगम के चार कार्मिक निलंबित किए जा चुके हैं। इसके अलावा चकराता और टौंस वन प्रभागों में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ों पर आरी चला दी गई थी। इन प्रकरणों में टौंस वन प्रभाग के डीएफओ समेत वन विभाग और वन विकास निगम के 10 से ज्यादा कार्मिक निलंबित किए जा चुके हैं।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि चकराता व टौंस वन प्रभागों में विभागीय एसआईटी गठित करने के संबंध में वन विभाग के मुखिया और निगम के प्रबंध निदेशक शीघ्र निर्णय लेंगे। इसके अलावा लालकुंआ डिपो घपले की पुलिस से आईआईटी कराने के संबंध में शासन को जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।