उत्तराखंड

स्वच्छता में लापरवाही, नए वार्ड की सफाई चरमराई,

नगर निगम क्षेत्र के पुराने वार्ड में सफाई व्यवस्था तकरीबन ठीक है। लेकिन निगम कर्मियों की लापरवाही के चलते नए वार्ड में अभी भी सफाई व्यवस्था चरमराई है। नए वार्ड में सड़कों और नाले-नालियों की सफाई नहीं हो रही है। घर-घर से कूड़ा उठान के वाहन कभी दो दिन तो कभी हफ्तेभर में आ रहे हैं। सड़कों के किनारे से कूड़े के ढेर हफ्ते-दस दिन में साफ होते हैं। ऐसे में नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार की परिकल्पना गले से नहीं उतर रही है।

वर्ष-2017 में नगर निगम का सीमा विस्तार किया गया। पहले नगर निगम में 60 वार्ड थे और क्षेत्रफल 64.48 वर्ग किमी था। 72 ग्राम सभाओं को शहरी क्षेत्र में शामिल कर वार्ड संख्या बढ़कर 100 कर दी गई। क्षेत्रफल भी बढ़कर 185 वर्ग किमी का हो गया। वार्ड और क्षेत्रफल बढ़ा, लेकिन संशाधनों में कोई वृद्धि नहीं हो पाई। आज भी नियमित सफाई कर्मचारियों की संख्या वहीं है, जो पहले थे। इसलिए पुराने शहरी क्षेत्र के तो हाल फिर भी ठीक हैं, लेकिन नए 31 वार्ड में स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट, गली या नाली निर्माण जैसे कार्यों से अभी भी पूरी तरह सुविधाजनक नहीं हो पाए।

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Iनए वार्ड में सफाई और पथ प्रकाश व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। कूड़ा सड़कों पर फेंकने की बजाए कूड़ा वाहनों में ही डालें। जन सहयोग से ही दून नगर निगम को स्वच्छता के मामले में टॉप-50 या नंबर वन बनाया जा सकता है। – सुनील उनियाल गामा, मेयर नगर निगमI

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