उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भले ही स्वच्छ वायु हो, लेकिन मैदानी क्षेत्र के शहरों में आबोहवा तकलीफ दे रही है। देहरादून समेत कई शहरों में सांस के रोगियों के लिए मध्यम प्रदूषित हवा नुकसानदायक है। जबकि, दीपावली पर यह स्तर बेहद ऊपर पहुंच जाता है। साथ ही सर्दियों में आम दिनों में भी हवा उच्च प्रदूषित रहती है।
देहरादून समेत ज्यादातर शहरों में इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर 100 से 150 के बीच है, जो कि मध्यम प्रदूषित हवा की श्रेणी में आता है। यह सामान्य व्यक्तियों के लिए को ज्यादा नुकसानदायक नहीं है, लेकिन सांस के रोगियों को इससे काफी परेशानी हो सकती है।
वहीं, आने वाले दिनों में इसके 150 व कभी-कभी 200 से अधिक पहुंचने की भी आशंका है। जो कि आम व्यक्ति के लिए भी बेहद तकलीफदेह है। उत्तराखंड के कुछ शहरों में तेजी से बढ़ रही आबादी व वाहनों की संख्या भी आबोहवा बिगाड़ रही है।
हालांकि सरकार की ओर से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का दावा किया जा रहा है। इसी क्रम में हाल ही में प्रदेश सरकार ने 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।