उत्तराखंड

 करोड़ से अधिक की ठगी का आरोपी गिरफ्तार, थाईलैंड-दुबई से चलता था नेटवर्क, ऐसे लगाता था चूना

पहले तो ये ठग लोगों को घर बैठे कमाई का झांसा देते। जब लोग इनके जाल में फंस जाते तो टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर निवेश का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लेते।

थाईलैंड और दुबई में बैठे अपने आकाओं को भारतीय सिम और बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने वाले 10 करोड़ से अधिक की ठगी के आरोपी साइबर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ देशभर में 104 मुकदमे दर्ज हैं और उसके खिलाफ 2327 शिकायतें हैं। इसका गैंग वर्क फ्रॉम होम के जरिये ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। आरोपी से पूछताछ में पुलिस को गैंग के अन्य लोगों के बारे में भी अहम जानकारी मिली है।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि पहले तो ये ठग लोगों को घर बैठे कमाई का झांसा देते। जब लोग इनके जाल में फंस जाते तो टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर निवेश का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लेते।

इसके लिए वह बड़ी कंपनियों से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट भी बनाते थे। पुलिस ने आरोपी मोराडिया हार्दिक कुमार भगवान भाई (32) पुत्र भगवान भाई निवासी तपोवन सोसाइटी, सूरत, गुजरात को उसके घर के पास से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी फर्जी दस्तावेजों के जरिये कंपनियां बनाकर उनके नाम पर बैंक खाते खोलता था। फर्जी दस्तावेजों से ही भारतीय सिम खरीदता था। इन सिम और खातों की को विदेश में अपने आकाओं को भेज देता था। इन्हीं फोन नंबर और बैंक खातों का उपयोग कर विदेश में बैठे साइबर ठग लोगों से साइबर ठगी करते हैं। आरोपी खुद कई बार थाईलैंड और दुबई जाकर सिम और बैंक खातों की किट पहुंचाकर आ चुका है। वह फिर से विदेश जाने की तैयारी कर रहा था।

बीआरओ कर्मी की शिकायत पर पकड़ा गया ठग
पुलिस के मुताबिक बीआरओ ग्रीफ शिवपुरी में तैनात भीम सिंह ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। रेवाड़ी जिला राजस्थान निवासी भीम सिंह को घर बैठे कमाई का मैसेज आया। उन्होंने रुचि दिखाई तो उन्हें झांसे में लेकर ठग ने 26 लाख रुपये हड़प लिए। इसकी साइबर थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। इसी जांच में ठग हार्दिक पुलिस की राडार में आया।

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