वर्तमान में प्रदेश की लगभग 2,035 बसावटें (6,276 किमी) मुख्य सड़क से नहीं जुड़े हैं, जबकि कच्चे मार्गों से संयोजित 1,142 बसावटें (3,638 किमी.) ऐसी हैं, जो ग्रामीण सड़कों के मानकों के अनुसार नहीं बने हैं।
लोक निर्माण एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, प्रदेश में 3,177 बसावटों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत राज्य के 250 आबादी वाले गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा।
शुक्रवार को महाराज ने बताया, वर्तमान में प्रदेश की लगभग 2,035 बसावटें (6,276 किमी) मुख्य सड़क से नहीं जुड़े हैं, जबकि कच्चे मार्गों से संयोजित 1,142 बसावटें (3,638 किमी.) ऐसी हैं, जो ग्रामीण सड़कों के मानकों के अनुसार नहीं बने हैं। इस प्रकार कुल 3,177 बसावटों में 9,914 किमी सड़क बनाकर मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा।
बताया, योजना का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे गांव जो पीएमजीएसवाई या अन्य योजनाओं से वंचित रह गए हैं, उन्हें सड़क सुविधा प्रदान की जाएगी। बसावटों का चयन जिला स्तर पर जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जाएगा। जिले में संयोजन से वंचित पात्र गांव या बसावटों की पहचान के लिए जनपद के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति बनेगी।
बताया, समिति की ओर से जनपद में प्राथमिकता या अवरोही क्रम में गांव की जनसंख्या के अनुसार परियोजनाओं के चयन की सिफारिश की जाएगी। विभाग जिलों से प्राप्त प्रस्तावों को बजट की उपलब्धता के लिए शासन को भेजा जाएगा। महाराज ने कहा, योजना के पहले चरण में राज्य योजना के तहत स्वीकृति प्रदान की जाएगी। दूसरे चरण के कार्यों का वित्त पोषण नाबार्ड के माध्यम से किया जाएगा।
कहा, सड़क के निर्माण तल की चौड़ाई 5.20 मीटर होगी और कैरिज-वे की न्यूनतम चौड़ाई तीन मीटर रखी जाएगी। सड़कों के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण सात मीटर चौड़ाई में किया जाएगा। ग्रामीण सड़कों के निर्माण से स्थानीय स्तर पर किसानों को उपज बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी। कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, पंचायत घर, जन सुविधा केंद्रों तक सुगम पहुंच होगी। सड़क की सुविधा विकसित होने से पर्यटन से संबंधित गतिविधियों का विकास होगा।