आज दिनांक 04 फरवरी 2024 को स्थान जामा मस्जिद पल्टन बाज़ार में मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा यू०सी०सी० के विरोध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी द्वारा की गई। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि यू०सी०सी० केवल धर्म विशेष के विरूद्ध है क्योंकि इसमें मुस्लिम समाज द्वारा दिये गयी आपत्तियों का दरकिनार किया गया तथा ना ही मुसल्सिम समाज द्वारा दिये गये सुझावो का जगह दी गई। हम यू०सी०सी० का कडा विरोध करत है तथा संवैधानिक दायर में रहते हुये इस काले कानून के विरूद्ध लडाई लडाई जायेगी। इस अवसर पर मुफती रईस ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लाया जाने वाला कानून संविधान विरूद्ध है क्योंकि आर्टिकल 25 के तहत हर धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अपने धर्म पर चलने की आज़ादी है। सर्वप्रथम तो केन्द्र सरकार द्वारा संविधान में संशोधन किया जाये उसके बाद यू०सी०सी० लागू किया जा सकता है। वरना दो कानून आपस में टकरायेंगे तथा संविधान का आर्टिकल 25 राज्य सरकार मानने को बाध्य है। उन्होने आगे कहा की जौ कानून समस्त धर्मो के लिये है उसमें समस्त धर्मो का प्रतिनितिधत्व ना होना ही इस कानून को संदहपरक बनाता है हम इस कानून का विरोध करते है। इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि यू०सी०सी० लाना सीधा धर्म विशेष पर प्रहार है। मडिया रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि यू०सी०सी० प्रावधानों में से 4 प्रावधान सीधे मुस्लिम पर्सलन लॉ पर हमला करते है जिससे पता चलता है की यू०सी०सी० लाने का मतलब मुस्लिम लॉ को खत्म करना है क्योंकि उत्तराखण्डयू०सी०सी० का ध्येय एक प्रदेश एक सिविल कानून। पर यू०सी०सी० में अनुसूचित जाति/जनजाति/ट्राईबल्स एरिया को छोडा जाना इस कानून के एक होने पर यथोचित प्रश्न खडे करता है तथा प्रदेश के लोगो में अन्तर तथा हीन भावना पैदा करता है जिसे बर्दाश्त नही किया जायेगा तथा अपने संवैधानिक अधिकारों का पालन करत हुये इस कानून के विरुद्ध कानूनी लडाई लडी जायेगी।
रिपोर्टर लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन चन्दन कुमार