उत्तराखंड

महिला जज के घर पुलिस ने किया ये काम, इस ट्रिक से खुलेगा मोबाइल का लॉक; सामने आएगा सच

बदायूं में महिला जज ज्योत्सना राय की मौत के मामले की तफ्तीश करने कोतवाली पुलिस मंगलवार को उनके आवास पर पहुंची। मौका-मुआयना कर घटनास्थल का नक्शा नजरी बनाया और पिछले दरवाजे को लेकर भी छानबीन की। हालांकि पुलिस की ओर से पिछले दरवाजे से किसी के आने का अनुमान नहीं लगाया जा रहा है।

विगत तीन फरवरी की सुबह सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला था। उनके पिता अशोक कुमार राय का कहना था कि कोई उनके आवास में आया था और बेटी की हत्या करके शव को फंदे से लटकाकर चला गया था। 

उन्होंने ताला खुलवाकर घटनास्थल का नक्शा नजरी बनाया और पिछले दरवाजे को लेकर छानबीन की। पुलिस को महिला जज के परिजनों के आरोप में दम नहीं नजर आया। पुलिस का मानना है कि किसी को फंदे से लटकाना इतना सरल नहीं है। 

जोर जबरदस्ती भी होगी, शोर भी होगा और मारपीट भी हो सकती है, ऐसे में जज को फंदे से लटकाना और वह भी कॉलोनी में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। फिर भी सभी एंगल पर छानबीन की जा रही है।

जोर जबरदस्ती भी होगी, शोर भी होगा और मारपीट भी हो सकती है, ऐसे में जज को फंदे से लटकाना और वह भी कॉलोनी में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। फिर भी सभी एंगल पर छानबीन की जा रही है।

इसके लिए कोतवाली पुलिस ने उनके परिवार वालों से भी संपर्क किया लेकिन वह लॉक के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए। इस पर पुलिस ने उनका मोबाइल जांच के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) मुरादाबाद भेजा है। वहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद इसमें कोई और कार्रवाई हो सकेगी।

सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय (29) का शव शनिवार सुबह सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला था। पुलिस के मुताबिक जज के कमरे से एक नोट भी बरामद हुआ है। इस नोट के बारे में कोई भी अधिकारिक रूप से बयान देने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि महिला जज ने सुसाइड नोट हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है। 

सुसाइड नोट के बारे में कोई अधिकारिक रूप से बयान देने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि महिला जज ज्योत्सना राय ने सुसाइड नोट हिंदी और अंग्रजी दोनों भाषाओं में लिखा है। हिंदी में लिखा है- ‘मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है, तुम्हें विवेचना करनी है तो कर लेना। तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा।’ 

वहीं अंग्रेजी में में ‘फीलिंग एलोन’ और ‘फीलिंग अनहैप्पी’ भी लिखा गया है। सूत्रों के अनुसार ये भी लिखा है कि मेरा अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू तट पर करना। हालांकि उनका सुसाइड नोट परिवार वालों के गले नहीं उतर रहा है। न्यायालय से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जज किस परेशानी से जूझ रहीं थीं। उन्हें क्या दिक्कत थी। 

उन्होंने कभी परिवार वालों या अपने साथियों से इसका जिक्र नहीं किया था। एक बात और सामने आई है कि कमरे में 2021 की एक डायरी भी मिली है, इसमें जनवरी की 29 तारीख तक के पेज फटे हुए हैं। बताते हैं कि यह पन्ने भी हाल में फाड़े गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात जज ने अपनी मां से बात भी की थी और तब वह खुश बताई गई थीं। इस बात का जिक्र उनके पिता की ओर से दी गई तहरीर में भी है।

महिला जज के नजदीकी लोगों का कहना है कि वह खरगोश पालने और पौधे लगाने की शौकीन थी। कमरे को भी उन्होंने अच्छी तरह सजा रखा था और सजावट की बहुत शौकीन थीं। उन्होंने अपने आवास के बरामदे में कई गमले लगा रखे हैं। 

वह सुबह-शाम पौधों को पानी देती थीं। अपने खरगोशों का भी ख्याल रखती थीं। जब वह न्यायालय जाती थीं तो उन्हें चारा आदि डालकर आवास से निकलती थीं। वापस आने पर उनकी देखभाल करती थीं। सुसाइड नोट में उन्होंने खरगोशों का ख्याल रखने की बात भी लिखी है।

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