दिनांक 8 फरवरी 2024 को देहरादून महानगर सिटी बस सेवा सोसाइटी द्वारा एक शिकायती पत्र आरटीओ सुनील शर्मा के खिलाफ माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मुख्य सचिव एवं श्रीमान सचिव परिवहन को प्रेषित किया गया जिसमें कहा गया है की आरटीओ सुनील शर्मा स्वयं ही वादी और स्वयं ही जज बनकर जो निर्णय आरटीए की बैठक दिनांक 23/12/ 24 में इनके द्वारा लिए गए हैं उसमें रोक लगाई जाए और इनकी जांच हाई कोर्ट के जज या प्रमुख सचिव न्याय से कराए जाने के आदेश दिए जाएं जिससे जनता को न्याय प्राप्त हो सके और आरटीओ सुनील शर्मा की मनमानी/ भ्रष्टाचार के आचरण पर रोक लगाई जा सके।
क्योंकि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा राज्य सरकार से अधिकृत उप परिवहन आयुक्त को भी बैठक से दूर रखा गया लेकिन उनसे ना तो अध्यक्ष द्वारा कोई राय ली गई और ना ही उनसे विभागीय पक्ष के बारे में कोई प्रश्न नहीं किया गया जबकि वह बैठक पर मौजूद थे जिससे स्वतः स्पष्ट है कि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा जानबूझकर क्वासिल ज्यूडिशियल बाड़ियों में गलत रूप से परंपरा स्थापित करने का प्रयास भ्रष्ट तरीके से किया जा रहा है।
जबकि आरटीओ आरटीए का सचिव होता है सचिव का कार्य एजेंडा बनाकर अध्यक्ष के सामने पेश करना होता है और आरटीओ को आरटीए का सदस्य नियुक्त नहीं किया जाता है जबकि आरटीओ सुनील शर्मा द्वारा सदस्य की हैसियत से प्रतिभाग करते हुए आरटीए बैठक में लिए गए निर्णय पर हस्ताक्षर किए गए है ।
आरटीए बैठक में अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के साथ सुनील शर्मा द्वारा दिनांक 23/ 12/ 2023 के एजेंडे की मद संख्या 10 द्वारा वाहनों पर जीपीएस लगाने का निर्णय लिया गया जिसमें देहरादून विकास नगर, देहरादून कालसी एवं देहरादून कुल्हाल मार्गों पर चलने वाली बसों को जीपीएस लगाए जाने के निर्णय से छूट प्रदान की गई तथा सिटी बसों के साथ-साथ अन्य वाहनों पर जीपीएस लगाए जाने का निर्णय भेदभाव के आधार पर लिया गया है।
रिपोर्टर : लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन चन्दन कुमार