
बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के आतिशबाजी स्थल चित्रकूट इंटर कॉलेज में बुधवार को धड़ाम-धड़ाम होते ही वहां चीत्कार मच गई थी। धमाकों की गूंज लगभग पांच सौ मीटर दूर तक सुनाई पड़ी। विस्फोट की आवाज से कयास लगाए जा रहे हैं कि आतिशबाजी में डायनामाइट का प्रयोग किया गया था, जिसका प्रयोग पहाड़ तोड़ने में किया जाता है।
चित्रकूट जिले में बुंदेलखंड गौरव महोत्सव में हादसे की जांच आतिशबाजी कंपनी के खिलाफ हो रही है। प्रथम दृष्टया मिला कि आतिशबाजी को आकर्षक और ज्यादा धमाके वाली बनाने के लिए डायनामाइट वाले पटाखों का प्रयोग करते हैं। गुरुवार को तीन टीमों की जांच का केंद्र भी यही रहा कि विस्फोट कितना बड़ा था। क्या यह सब नियमों के खिलाफ था। डायनामाइट का प्रयोग पहाड़ों पर खनन करने वाले ब्लास्टिंग के लिए कराते हैं। इसे बैटरी से जोड़ा जाता है। बारूद के साथ शक्तिशाली सेल लगे होते हैं। इसके बाद रिमोट से धमाका कर चट्टानें तोड़ी जाती हैं। इसके लिए लाइसेंस लेने होता है। भरतकूप क्षेत्र में इस तरह की ब्लास्टिंग करने वाले लाइसेंसधारक मझगवां और अतर्रा से आते हैं।
पर्यावरणविद गुंजन मिश्रा बताते हैं कि सीआईसी में जो धमाका हुआ उसकी आवाज लगभग 140 डेसीवल रही होगी, जबकि नियमों के अनुसार दिन में पटाखों की आवाज 70 से 80 डेसीवल से अधिक नहीं होनी चाहिए। गुरुवार को आई फोरेंसिक, बम निरोधक दस्ता व विस्फोटक सामग्री की जांच वाली टीम के सदस्यों ने मौके से मिले ढाई फीट के बमों को निष्क्रिय करने के बाद उसके अंदर की बारूद की जांच की।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई
आशंका भी जताई कि इस कंपनी को इतने भारी पटाखों को छुड़ाने का लाइसेंस है या नहीं इसकी भी जांच होगी। पूरे मामले में मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। सभी टीमें जांच कर रही हैं। सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
पिता ने कोतवाली में दी तहरीर
आतिशबाजी स्थल पर धमाके से चार बालकों की मौत मामले में एक मृतक के पिता ने कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है। मृतक प्रभात के पिता धर्मेंद्र सिंह ने गुरुवार को कोतवाली में दी तहरीर देकर आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की मांग की।कहा कि पूरे मामले में इनकी भूमिका की जांच कर कार्रवाई की जाए। कोतवाल अजीत पांडेय ने बताया कि पहले से जो रिपोर्ट दर्ज है उसी में यह तहरीर जांच के दायरे में शामिल होगी।
घटना को लेकर संगठनों ने जताया शोक
घटना को लेकर कई संगठनों के कायकर्ताओं ने दुख जताया है। बुंदेली सेना ने शोक सभा की। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह व बीपी पटेल सहित अन्य पदाधिकारियों ने दुख जताया। वहीं बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा ने भी जिला कार्यालय में बैठक की है। जिलाध्यक्ष सुरेश प्रसाद मिश्रा कहना कि घटना के लिए पर्यटन विभाग पूरी तरह से दोषी है। कार्यक्रम के लिए व विकास के लिए आयी धनराशि में बंदरबांट किया गया है।
डायनामाइट होने की संभावना
बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के आतिशबाजी स्थल चित्रकूट इंटर कॉलेज में बुधवार को धड़ाम-धड़ाम होते ही वहां चीत्कार मच गई थी। धमाकों की गूंज लगभग पांच सौ मीटर दूर तक सुनाई पड़ी। विस्फाेट की आवाज से कयास लगाए जा रहे हैं कि आतिशबाजी में डायनामाइट का प्रयोग किया गया था, जिसका प्रयोग पहाड़ तोड़ने में किया जाता है।
सार्वजनिक जगह पर प्रयोग करना गैरकानूनी
भरतकूप के पहाड़ों पर पत्थर खनन का काम कराने वाले राजकुमार ने बताया कि यह धमाका उसी तरह था, जैसा पहाड़ों पर पत्थर तोड़ने के दौरान होता है। पत्थर तोड़ने में डायनामाइट का प्रयोग किया जाता है। पूरी संभावना है कि पटाखों में डायनामाइट का प्रयोग किया था, जिसका सार्वजनिक जगह पर प्रयोग करना गैरकानूनी है।
15- 20 मीटर दूर से रिमोट से होता है संचालन
उधर, महोत्सव के लिए आतिशबाजी का ठेका लेने वाली डोंप कंपनी के दो कर्मचारियों ने बताया कि आतिशबाजी का नजारा आसमान पर दिखता है। जमीन पर पहले से स्टैंड पर आतिशबाजी फिटकर बिजली और बैटरी से जोड़कर रिमोट के सहारे चलाया जाता है। आतिशबाजी के दौरान कोई नजदीक नहीं जाता। 15- 20 मीटर दूर से रिमोट से इसका संचालन होता है। आतिशबाजी की लंबाई लगभग ढाई फीट होती है। यह सब चेन्नई की कंपनी से आर्डर पर बनवाए जाते हैं। इनमें दो धमाके होते हैं। पहले नीचे, फिर ऊपर जाकर धमाके के साथ रंग बिरंगी रोशनी फैलाते हैं।