पीड़ित सतपाल थापा के पुत्र जो इस समय वर्तमान में भारतीय सेवा में जवान है उनका कहना है कि पूर्व में हमारे द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी आज गोरखाली सुधार सभा द्वारा दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं 8 फरवरी सुबह 8:00 बजे लगभग 30 से 40 पुलिस वाले आते हैं और जबरन मेरे मां-बाप को उठाया गया पुलिस वाले हमारे नजदीकी पुलिस स्टेशन ना ले जाकर लाल तप्पड़ थाने ले गई जब हमने अपने छोटे भाई को ढूंढा तो वह 2 घंटे पहले पुलिस द्वारा उसे लाल तप्पड़ थाने में बिठाया गया था पुलिस वाले जिस गाड़ी में बिठाकर मेरे मां-बाप भाई को ले जा रहे थी उसे गाड़ी में आगे बैठा वरिस्ट पुलिसकर्मी द्वारा बार-बार फोन किया जा रहा था कि सर मुजरिम हमारी कस्टडी में है हमारे लिए आगे क्या आदेश है मेरे मां-बाप द्वारा पूछे जाने पर कि हमें कहां ले जा रहे हो तो उन्होंने कहा हम तुम्हें पाकिस्तान छोड़ने जा रहे हैं इस बात पर वासु थापा का कहना है कि क्या मेरे मां-बाप आतंकवादी है जो उन्हें इस तरह से पाकिस्तान छोड़ने की बात कर रहे हैं मैं एक भारतीय सेना में जवान हूं मेरे घर वालों को धमकी दी जा रही है कि तुम्हें देहरादून से ही उठा लेंगे मैं इस विषय पर मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा है डीआईजी साहब को पत्र लिखा है कि मुझे जल्दी से जल्दी इंसाफ दिलाया जाए इसके पूर्व भी हमरे द्वारा यहां पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी उसका कोई असर नहीं पड़ा लेकिन आज फिर मैं गोरखाली सुधार सभा द्वारा यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं कि मुझे न्याय मिले मुझे न्याय दिलाए जाए.
रिपोर्टर :लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :चन्दन कुमार