
विजयवर्धन ढंडरियाल का कहना है कि आरटीओ के द्वारा जो निर्णय लिया गया है कि घंटाघर से डेढ़ किलोमीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र किया गया है इस क्षेत्र में जो भी वाहन बिना जीपीएस के शहर में अंदर संचालन करते पाया गया तो उन गाड़ियों का चालान किया जाएगा साथ ही परमिट कैंसिल किया जाएगा हमारा यह कहना है कि आप बिना नियम के कार्य कर रहे हैं तो यहां जो देखा जा रहा है सुनील शर्मा जो आदेश कर रहे हैं राज्य सरकार इन आदेशों को बाद में पालन कर रही है मेरा यह कहना है 1988 धारा 67 में स्पष्ट लिखा है कोई भी परमिट में घटाया या बढ़ता हो तो वह राज्य सरकार के द्वारा किया जा सकता है हमारा यह कहना है जो अधिकारी सुनील शर्मा बेलगाम हो गए हैं बिना किसी जांच पड़ताल के शासन के ऊपर कार्य कर रहे हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए वैसे भी कोविड के कारण काम खत्म हो गया है और साथ ही अधिकारी पर कानून तहत कार्रवाई की जाए सुनील शर्मा के द्वारा इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है जो बेलगाम होकर कार्य कर रहे है कहीं ना कहीं उन को ऊपर से पन्हा मिली है हजारों लोग ट्रांसपोर्टर से परेशान है नहीं तो किसी अधिकारी की इतनी हिम्मत नहीं है कि हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर दे तो मैं यह साफ कहता हूं इस पर ऊपर से किसी शासन या उच्च अधिकारी किसी का सहयोग है
रिपोर्टर :- लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :- चन्दन कुमार