अभी तक 5000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर आवास परियोजना बनाने वाले बिल्डरों को 15 प्रतिशत हिस्से में गरीबों के लिए आशियाने बनाने का नियम था।
उत्तराखंड में अब 5000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर आवास बनाने वाले बिल्डरों को 15 प्रतिशत गरीबों के आशियाने बनाने के बजाए इसका पैसा शेल्टर फंड में जमा कराना होगा। इस रकम से प्राधिकरण गरीबों के आशियाने बनाएंगे। वहीं, ईडब्ल्यूएस आवासों को 12 मीटर के बजाए चार मंजिल बनाने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
अभी तक 5000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर आवास परियोजना बनाने वाले बिल्डरों को 15 प्रतिशत हिस्से में गरीबों के लिए आशियाने बनाने का नियम था। कैबिनेट ने इसके संशोधन को मंजूरी दे दी। अब ऐसी परियोजनाओं के बिल्डरों को इसके बदले में रकम प्राधिकरण के शेल्टर फंड में जमा करानी होगी।
इस रकम से प्राधिकरण गरीबों के आशियाने बनाएगा। दूसरी ओर, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आवासों की ऊंचाई अभी तक 12 मीटर थी, जिसे चार मंजिल तक बढ़ाने पर कैबिनेट ने इस शर्त के साथ मंजूरी दी है कि विकासकर्ता को यहां लिफ्ट लगानी होगी और 20 साल तक उसका मेंटिनेंस करना होगा। दूसरी ओर, कैबिनेट ने रेरा एक्ट के संशोधन को भी मंजूरी दी, जिसके तहत अब शुल्क जमा कराने का प्रमाण जमा कराना होगा।