उत्तराखंड

फलों के रस से अभिषेक के बाद अखरोट और चेरी से हुआ महाकाल का श्रृंगार, चांदी की मुण्डमाला धारण की

 भस्म आरती में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के जयघोष के साथ महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। 

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को रजत का मुकुट और चन्द्र धारण करवाया गया। 

आज बाबा महाकाल का मावे से श्रृंगार कर उन्हें अखरोट और चेरी से सजाया गया। इसके बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढंककर भस्मी रमाई गई। भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान महाकाल को चांदी की मुण्डमाल और रुद्राक्ष माला के साथ सुगंधित पुष्पों की माला अर्पित कर फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या मे श्रद्धालु पहुंचे जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया।

5 लाख की नगद राशि दान में दी

श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर नि:शुल्क अन्नक्षेत्र हेतु पुरोहित शिवम व्यास (लड्डू गुरु) व प्रोटोकॉल सहायक चंद्रप्रकाश शर्मा की प्रेरणा से मुम्बई निवासी प्रशान्त गुंजालकर ने 5 लाख रुपये की नगद राशि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को दान में दी।

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