होली के बाद कर्मभूमि की ओर लौटना भी मुश्किल हो गया है। पूर्वांचल से दिल्ली- मुंबई समेत विभिन्न महानगरों में जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों में कंफर्म सीट नहीं मिल पा रहा। ऐसे में उन्हें फर्श पर बैठकर यात्रा करनी पड़ रही है।
होली मनाने के बाद कर्मभूमि की ओर लौटने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि, जिनकी टिकट कंफर्म नहीं है, उन्हें परेशानियां झेलनी पड़ीं और आगे भी उन्हें दिक्कत उठानी पड़ेगी। मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, नई दिल्ली, पंजाब जाने वाली ट्रेनों में 31 मार्च तक सीटें वेटिंग हैं।
मंगलवार को कैंट रेलवे स्टेशन और बनारस स्टेशन से खुलने वाली मुंबई और दिल्ली की ट्रेनों में यात्रियों को कंफर्म सीटें नहीं मिलने से फर्श पर यात्रा करनी पड़ी। रनिंग कर्मचारियों के अनुसार दो दिन बाद से लौटने वालों से ट्रेनें फुल होकर चलेंगी। अभी से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक ट्रेनें ठसाठस रहेंगी।
कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र के कर्मियों के अनुसार दिल्ली जाने वाली शिवगंगा, स्वतंत्रता सेनानी, नीलांचल एक्सप्रेस, 22415 वंदे भारत, 22435 वंदे भारत, एक्सप्रेस, फरक्का, सद्भावना, काशी विश्वनाथ, श्रमजीवी, बनारस सुपरफास्ट में 31 मार्च तक लंबी वेटिंग चल रही है। यही हाल कैंट से खुलने वाली मुंबई की ट्रेनों में जैसे महानगरी, जयनगर-एलटीटी, बीएसबीएस-एलटीटी, जीकेपी-एलटीटी, कामायनी एक्सप्रेस, दरभंगा स्पेशल में भी कंफर्म सीट नहीं हैं। सभी श्रेणियों में लंबी वेटिंग है। उत्तर रेल अधिकारियों के अनुसार होली पर लौटने वालों के लिए स्पेशल ट्रेनें 31 मार्च और अप्रैल के पहले सप्ताह तक संचालित हैं। कुछ ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी बढ़ाए गए हैं।
रोडवेज बसों में भीड़, ई-बसों में यात्रियों की कमी
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र की बसों में मंगलवार से भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। कैंट बस स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ दिखी। जबकि ई-बसों को उतने यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की बसों का लोड बढ़ गया है। आजमगढ़, जौनपुर, शक्तिनगर और प्रयागराज रूट के यात्रियों की संख्या ज्यादा है।