उत्तराखंड

देहरादून:-:एक बार फिर उत्तराखण्ड को मायूस कर गए मोदी

11 अप्रैल 2024
एक बार फिर उत्तराखण्ड को मायूस कर गए मोदी जी
उत्तराखण्ड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता एवं उत्तर प्रदेश की मीडिया प्रभारी गरिमा माहरा दसौनी ने प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश दौरे पर कटाक्ष किया है।
दसौनी ने कहा कि पिछली बार जब प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड आये थे, तब हमने उनसे इन विषयों पर सवाल करते हुए बोलने का आग्रह किया था-
अंकिता भंडारी हत्याकांड
राज्य में बेरोज़गारी
अग्निपथ योजना के ख़लिफ़ राज्य में बढ़ता विरोध
सिल्क्यारा सुरंग हादसे की जांच
इन गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं बोला। वह आज फिर उत्तराखंड आये उम्मीद थी कि आज वह प्रदेश के इन चार निम्नलिखित महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलने का साहस दिखाएंगेः

  1. पिछले साल दिसंबर में, अन्य राज्यों के लोगों को कृषि भूमि की बड़े पैमाने पर बिक्री पर रोक लगाने और सख़्त भूमि अधिकार कानूनों की मांग करने के लिए हज़ारों प्रदर्शनकारी देहरादून में एकत्र हुए थे। उत्तराखंड एकमात्र हिमालयी राज्य है जो बाहरी लोगों को कृषि भूमि बेचने की इजाज़त देता है। 2003 में, राज्य की कांग्रेस सरकार ने बाहरी लोगों को कृषि भूमि की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया था। अधिकतम 500 वर्ग मीटर की ख़रीद की अनुमति थी। वह भी केवल खेती के प्रयोजनों के लिए। 2008 में इस सीमा को घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया गया। 2018 में भाजपा ने इस सीमा को पूरी तरह से हटा दिया, जिससे भूमि के बड़े हिस्से की ख़रीद और भूमि-उपयोग में बदलाव की अनुमति मिल गई। भले ही यह “विकास“ की आड़ में किया गया था, लेकिन कोई उद्योग स्थापित नहीं किया गया। उल्टा व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े भूमि बैंक तैयार हो गए। पहाड़ के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उत्तराखंड का निर्माण किया गया था। भाजपा सरकार ने उनसे उनके अधिकार क्यों छीने?
  2. दिसंबर में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (छब्त्ठ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नौ हिमालयी राज्यों में से उत्तराखंड में महिलाओं और बच्चों के बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज़ किए गए। तीन साल पहले की तुलना में 2022 में महिलाओं के ख़लिफ़ अपराध 77ः बढ़ गए, और भाजपा शासन में महिलाओं के ख़लिफ़ अपराधों की दर लगभग दोगुनी हो गई है – 2016 में 30ण्4ः से 2022 में 59ण्5ः । यह उत्तर प्रदेश से भी अधिक है, जहां महिलाओं के ख़लिफ़ अपराध की दर 46ण्8ः है। पिछले साल, उत्तराखंड अंकिता भंडारी की निर्मम तरीक़े से की गई हत्या से हिल गया था। पीड़ित परिवार द्वारा कई भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि ऐसे मामले राज्य में महिला सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति की चिंताजनक प्रवृत्ति का हिस्सा है। भाजपा के राज में कानून व्यवस्था आख़रि इतनी ख़राब क्यों हो गई है? उत्तराखंड की महिलाओं और बच्चों को ऐसे जघन्य अपराधों से बचाने के लिए भाजपा सरकार क्या कर रही है?
https://youtu.be/83w1RWJOJ-0

रिपोर्टर: लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :चन्दन कुमार

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