
पड़ाव विशिष्ट आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र के वैद्य बालेंदु प्रकाश जी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पेनक्रिएटाइटिस नाम की एक बीमारी है जो की जानलेवा बीमारी है, और इसका दुनिया में कोई इलाज नहीं है एलोपैथी में इसका कोई दीर्घकालिक उपचार नहीं है जीवन भर दवाई खानी पड़ती है फिर भी अटैक आते रहते हैं, साथ ही कहा कि इस परिपेक्ष में मेरे पिताजी द्वारा 70 के दशक में एक दवा बनाई गई जो तांबा, पारा और गंधक के साथ जड़ी बूटी में मिलाकर 3 साल के प्रोसेस करके एक दवाई बनाई जाती है इसके सेवन से बीमारी ठीक हो जाती है, और 1997 से लेकर अभी तक हमारे पास 2000 मरीज है इस बीमारी में एक साल के इलाज के दौरान मरीज ठीक हो जाते हैं और अभी हमने उधम सिंह नगर के गदरपुर तहसील में अस्पताल बनाया है जिसमें हम 50 लोगों को एक साथ रख सकते हैं वर्ष 2014 में उत्तराखंड सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय ने सहयोग किया जिसके तहत पेटेंट का आवेदन किया गया, और कुछ दिन पूर्व भारत सरकार के पेटेंट ऑफिस से 20 वर्षों के लिए पेटेंट दिया गया है।