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देहरादून:-कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी जी का कहना है कि हमारी पुलिस और राज्यों से बेहतर थी

कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी जी का कहना है कि हमारी पुलिस और राज्यों से बेहतर थी लेकिन इधर मेरे कपड़े फाड़ने का इश्यू नहीं है कपड़े तो धक्का मुक्की में फट जाते हैं वह कोई बड़ा इशू नहीं है बड़ा इशू यह है कि हमारा पुलिस प्रशासन महिला अपराध पर नकेल नहीं कस पा रहा है
एक तरफ आप महिला अपराध में बढ़ोतरी देख रहे हैं
हमसे क्या अपेक्षा की जाती है एक मुख्य विपक्षी दल होने के नाते एक महिला होने के नाते क्या हम घर बैठ जाएं
क्या हम प्रतिकार भी न करें क्या हम इन बातों का विरोध भी न करें छोटी छोटी बच्चियों की अस्मिता लूटी जा रही वो भी सत्तारूढ दल के नेताओं के द्वारा लूटी जा रही
तो अपराधों को आप देखना नहीं चाहते है
नहीं करना चाहते जब कहीं फोड़ा हो जाता तो उसका इलाज कराया जाता है लेकिन हमारा पुलिस प्रशासन हमारी राज्य सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि प्रदेश में अपराध हो रहे हैं और वह अपराधों को रोक नहीं लगा पा रहे हैं उनमें नकेल नहीं कस पा रहे हैं वो इसको ईशु ही नहीं समझते इसको मुद्दा ही नहीं समझते
लगातार डीजीपी कह रहे है हम पर भरोसा रखिए कैसे भरोसा रखें आप पर सत्तारूढ़ दल अपने नेताओं को संरक्षण दे रहा है अंकिता भंडारी को ह आज तक न्याय नहीं मिल पाया दो साल में उस महिला विधायक आपने कुछ नहीं बाल बांका किया जिसमें साक्षर सबूत नष्ट कर दिए सार्वजनिक रूप से वीडियो उपलब्ध है कि वह बुलडोजर चला रही है
रिजॉर्ट में जहां दुष्कर्म व हत्या हो गई
एक बड़ा क्राइम है गंभीर क्राइम सबूतों को नष्ट करना बाल बांका नहीं हुआ उस महिला विधायक का तो आंखों देखी मक्खी हम कैसे निगल लें किसी बड़ा यह है मेरे कपड़े घटना तो बहुत छोटा इशू है
अगर हम विरोध करते हैं हम सड़कों पर उतरते हैं तो हमारा यहां शुरू किया जाता है तो आधी महिलाएं दुष्कर्मों से नहीं बच रही है जो महिलाएं उन दुष्कर्मों का विरोध करेंगे उनका मनोबल तोड़ने के लिए उनका उनके साथ ये किया जाएगा तो कहीं न कहीं धामी जी को संवेदनशीलता दिखानी की जरूरत है दूसरे प्रदेशों में दर दर भटकने के बजाय अपनी प्रदेश
की स्थिति सुधारने की जरूरत है और मुझे महसूस होता है कि मैं तो खासकर के टारगेट की जाती हूं
मुझ पर सत्तारूढ़ दल के लोग एफआईआर दर्ज कराते हैं मैं आज तक दर्जनभर एफआईआर लेकर गई हूँ मेरी एफआईआर दर्ज नहीं करता हमारी तहरीर लेकर रख ली जाती है कोई कार्रवाई नहीं की जाती एफआईआर तक दर्ज नहीं होती है हमारी अठहत्तर साल हो गए आजादी को अभी तक हम कोई फेयर और फ्री पुलिस नहीं मिल
है पुलिस प्रशासन नहीं मिल पाया है
सत्तारूढ़ दल के
एजेंट की तरह या उनके प्रवक्ताओं की तरह पुलिस प्रशासन काम कर रहा है
तो हमें न्याय कब मिलेगा मेरे घर पर रात को एक बजे पुलिस भेज दी जाती है बिना महिला पुलिस के साथ
तो ऐसा लग रहा है कि मैं तो खासकर टारगेट बन रही हूं लेकिन मैं अगर इस संघर्ष में कुर्बान हो जाओ वो कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन छोटी बच्चियों के ही रहने के लिए समाज तो ये गई सुरक्षित नहीं हैं बच्चियां बस में सुरक्षित नहीं है बाजार में सुरक्षित नहीं हैं थानों में सुरक्षित नहीं है उड़ीसा कान देख लीजिए दिन
में सुरक्षित है और रात में सुरक्षित है ना अपने घरों में सुरक्षित हैं
न आपके नेताओं में सुरक्षित हैं
तो ऐसे में आखिर कहां लेकर जाएं हम अपनी बच्चियों को यह समझ से परे है जो स्थितियां बद से बदतर हो रही एनसीआरबी कह रहा है उत्तराखंड नौ हिमालयी राज्यों में नंबर वन बन गया अपराधों में चार धामों का प्रदेश भोले भाले लोगों का प्रदेश आज महिला अपराध में नंबर वन बन गया और आप लगातार धर्म खोजते हैं अपराधों में
ये मुकेश बोरा दूसरे धमकाया गया भगत सिंह बोरा दूसरे धर्म का है क्या महेश नेगी दूसरे धर्म का क्या संजय कुमार दूसरे धर्म का था क्या सुरेश राठौर दूसरे धर्म का था क्या ये सैनी जो हरिद्वार बहादराबाद में तेरह साल की बच्ची के साथ गैंगरेप करके उसकी निर्मम हत्या कर रहा था यह अल्पसंख्यक समुदाय का है क्या
तो मुख्यमंत्री जी से मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है समाज में नफरत बांटने की बजाय समाज को बांटने के बजाय उसमें धर्मांधता फैलाने के बजाय आप अपराध को नकेल कसी ये समाज का भरोसा खोते जा रहे हैं आप उत्तराखंड का भरोसा खोते जा रहे हैं लोग कहने लगे हैं कि भाजपा दल नहीं दलदल है
भ्रष्टाचार में आपलोग आकंठ डूबे हुए हैं कोई अपना मंत्री देख लीजिए
कोई अपना विभाग देख लीजिए
कोई विभाग जो है भ्रष्टाचार से अछूता नहीं यह प्रदेश आपने नरक बना दिया रहने लायक नहीं छोड़ा है
लोग सुरक्षित प्रदेश सोचकर उत्तराखंड आते हैं यहां टूरिस्टों के साथ क्या हो रहा है यहां की सड़कों के साथ क्या हो रहा है यहां की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ क्या हो रहा है यह स्कूलों में बच्चे आपसे नहीं है
तो कहीं न कहीं मैं कहना चाहती हूं कि मेरे कपड़े फटना या मेरे साथ जो कुछ हुआ उसको में कटाई मुद्दा नहीं बनाना चाहती थी न बनाना चाहती हूं मुद्दा है बच्चियों के साथ दुष्कर्म छोटी छोटी बच्चियां हम सब माँ हैं हमारे अंदर भी दिल है
इन नेताओं के अंदर पता नहीं कौन सा पत्थर दिल

रिपोर्टर: लक्ष्मण प्रकाश

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