पाकिस्तान के कराची में तालिबान के वाणिज्य दूत ने इन देशों (पाकिस्तानऔर ईरान) के अधिकारियों से अफगान प्रवासियों को लौटने के लिए अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया है। तालिबान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, करीब 2,800 अफगान प्रवासी ईरान से वापस आए हैं।
अफगान प्रवासियों ने पाकिस्तान और ईरान के अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार की आलोचना की है। इन देशों से जबरन निर्वासित किए गए अफगान प्रवासियों की दुर्दशा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। ईरान से वापस आए अफगान प्रवासियों ने अपनी दुर्दशा की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि उन्हें वहां ईरानी सरकारी बलों द्वारा पीटा जाता था। वहीं पाकिस्तान से आए अफगान प्रवासियों ने भी अपनी चुनौतियों के बारे में बताया।
अफगान प्रवासियों ने सुनाई अपनी कहानी
ईरान में दो साल रहने के बाद वापस आए अफगान के नागरिक बसिर ने कहा, “उन्होंने जब हमारी तलाशी लेनी चाही, तो मैंने इसका विरोध किया। इसके लिए उन्होंने मुझे पीटा। अब मुझे नहीं मालूम कि मेरी पसलियां टूट गई हैं या मेरे साथ क्या हुआ है। क्योंकि मैं अब दो किलो वजन भी नहीं उठा सकता हूं।”
ईरान से लौटे एक अन्य अफगान प्रवासी सलाउद्दीन ने कहा, “हम अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए मजबूरी में ईरान गए थे, लेकिन उन्होंने हमारे लिए इसे बहुत कठिन बना दिया।” पाकिस्तान से वापस आए रेजा साजेश ने कहा, “जिनके पास कार्ड थे, उन्हें भी पाकिस्तान के क्वेटा और इस्लामाबाद से निर्वासित कर दिया गया। हम इस प्रक्रिया को लेकर परेशान हैं।”
ईरान-पाकिस्तान में 77 लाख अफगान प्रवासी
पाकिस्तान के कराची में तालिबान के वाणिज्य दूत ने इन देशों के अधिकारियों से अफगान प्रवासियों को लौटने के लिए अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया है। तालिबान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, करीब 2,800 अफगान प्रवासी ईरान से वापस आए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान और पाकिस्तान में लगभग 77 लाख अफगान नागरिक रहते हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल और कुछ मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान और ईरान से अफगान प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया पर चिंता जताई है।