वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्री आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिवस पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर गुमानीवाला निवासी वरिष्ठ नागरिक द्वारा सूचना दर्ज कराई कि मेरा बेटा जो आर्मी में कैप्टन था, कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था तथा उनको मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। शिकायतकर्ता को माह फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति के द्वारा मोबाइल से कॉल कर स्वंय को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार से बताकर कहा कि आपके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रान्ट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी, लेकिन आपकी तरफ से फार्म-॥, दिनांक 31 दिसम्बर 2023 तक जमा नहीं किया गया था. जिस कारण आपका कीर्तिचक्र का ग्रान्ट निरस्त हो गया है। जिसका निरस्त आर्डर नम्बर जे०आर० 00439 है जिसकी फाईल मेरे पास आयी है। उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह भी बताया गया कि उक्त फाईल में अग्रिम कार्यवाही चीफ सर्तकता अधिकारी रक्षा मंत्रालय श्री पी०एन० गुलाटी द्वारा की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपुत का मोबाइल नम्बर 729790726 शिकायतकर्ता को देकर सम्पर्क करने को कहा गया। शिकायतकर्ता द्वारा कथित विवेक राजपूत से सम्पर्क किया तो उन्होने बताया कि आपका ग्रान्ट निरस्त कर दिया गया है अब गुलाटी साहब ही इस पुनः एक्टिवेट कर सकते है। जिसके बाद श्री पी०एन० गुलाटी द्वारा शिकायतकर्ता को यह बताया गया कि यह शिकायतकर्ता को मिलने वाली कीर्ति चक्र की ग्रान्ट करीब 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष को फिर से शुरू कर रहा है तथा यह भी बताया कि इनको यह ग्रान्ट 2021 से 2037 तक मिलनी है। कुछ दिन बाद कथित पी०एन० गुलाटी ने शिकायतकर्ता को फोन पर बताया कि उसने ग्रान्ट स्वीकृत कर दी है जिसके लिये शिकायतकर्ता से 1,98,000/- रुपये की रकम उनके द्वारा बताये गये खाते में आरटीजीएस से जमा करा दिये गये इसके अतिरिक्त उपरोक्त अज्ञात व्यक्तियो द्वारा भिन्न-भिन्न तिथियों पर शिकायताकर्ता से एन०ओ०सी० व अन्य फाईल प्रोसेस चार्जेज आदि के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में दिनांक 22.04.2024 तक कुल 44,46,080/- रुपये पोसापही से जमा करा दिये गये। परन्तु कोई भी रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं करायी गयी। शक होने पर शिकायतकर्ता द्वारा सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखण्ड देहरादून से सम्पर्क किया गया तो इस फर्जीवाडे का पता चला। इस सूचना पर थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मु०अ०सं०-25/2024 धारा 420/120बी भादवि व 66-डी आई०टी० एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।
चूकिः यह प्रकरण शहीद के परिजनों को मिले सम्मान की एवज में धोखाधडी किये जाने को लेकर था जोकि गम्भीर एवं संवेदनशील प्रकरण था। ऐसी धोखाधडी प्रथम बार उत्तराखण्ड साईबर पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी जिसका अनावरण उत्तराखण्ड एसटी०एफ० को एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस०टी०ए० श्री आयुष अग्रवाल द्वारा इस घटना के अनावरण करने हेतु पुलिस उपाधीक्षक श्री अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी व तकनिकी विश्लेषण किया गया तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का दिल्ली से सम्बन्ध होना पाया गया। जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तों द्वारा वादी मुकदमा को जो खाता संख्या व मोबाईल नम्बर दिये गये थे व धोखाधडी से प्राप्त की गयी धनराशि फर्जी आईडी पर खोले गये बैंक खातों में प्राप्त की गयी थी। उक्त खातों के खाताधारकों की जानकारी प्राप्त की गयी व महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में संलिप्त 05 अभियुक्तगण 1-कपिल अरोड़ा, 2-राहुल कुमार दता, उ-रवि सैनी, 4-राजेश कुमार यादव व 5-अनुराग शुक्ला को लक्ष्मी नगर क्षेत्र नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 20 मोबाईल फोन, 02 लैपटॉप, 42 लिग कार्ड, 42 डेविट/ क्रेडिट कार्ड, फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि व 1,07,500/- रुपये नगद बरामद किये गये।
पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा कारगिल युद्ध में शहीदों की सूची एवं उनके मोबाईल नम्बरों की जानकारी हेतु गूगल पर सर्च कर प्राप्त की गयी। उसके बाद शहीदों के परिजनों से सम्पर्क कर शहीदों को मिलने वाली ग्राण्ट के नाम पर शहीदों के परिजनों के साथ धोखाधड़ी की जाती है, जिसके लिये उनके द्वारा स्वयं को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) से व सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी के रूप में परिचय देकर एवं मरणोपरान्त प्राप्त कीर्ति चक की एकमुश्त ग्रान्ट के साथ साथ अतिरिक्त धनराशि 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से वर्ष 2021 से वर्ष 2037 तक प्रदान करने का झांसा देकर शहीद के परिजनों से भिन्न भिन्न एकाउन्ट में धनराशि जमा कराकर ठगी की गई है। इनके द्वारा देशभर में सरकारी सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी गूगल व अन्य माध्यम से प्राप्त की जाती व उनकी पेंशन / फण्ड / ग्रेज्युटी बन्द/ चालू करने अथवा बढ़ाने का झाँसा देकर कई लाखो रूपये की ठगी की गई है। उक्त अपराधियों द्वारा यह गिरोह दिल्ली/एन०सी०आर० क्षेत्र में विगत 5-6 माह से संचालित किया जा रहा था।
रिपोर्टर :- लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :- चन्दन कुमार