सरकार का 2025 तक 50 हजार पॉलीहाउस लगाने का लक्ष्य है। लेकिन पॉलीहाउस लगाने के लिए अभी तक रेट तय नहीं हो पाए हैं।
बेमौसमी सब्जी और पुष्प उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तीन हजार से अधिक किसान ने पॉलीहाउस लगाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए जिला स्तर पर किसानों ने पॉलीहाउस के लिए आवेदन किया है। इन किसानों को उद्यान विभाग से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
प्रदेश में औद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती को बढ़ावा को प्रदेश सरकार ने पिछले साल मुख्यमंत्री पॉलीहाउस योजना लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन एक साल बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतरी है। सभी जिलों से अब तक तीन हजार से अधिक किसानों ने पॉलीहाउस लगाने के लिए आवेदन किया है, जो उद्यान विभाग से आवेदनों को मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने पॉलीहाउस योजना के लिए 200 करोड़ का बजट प्रावधान किया था। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस लगाने के लिए 280 करोड़ की मंजूरी दी थी। सरकार का मानना है कि पॉलीहाउस से बेमौसमी सब्जी व पुष्प उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
ब्रेथलेट कंपनी करेगी पॉलीहाउस का निर्माण
पॉलीहाउस निर्माण के लिए शासन ने रेल मंत्रालय का उपक्रम ब्रेथलेट कंपनी को कार्यदायी संस्था के रूप में चयनित किया है, लेकिन एक पॉलीहाउस में इस्तेमाल होने वाले निर्माण सामग्री के रेट तय नहीं हुए हैं, जिससे कंपनी भी कुछ नहीं कर पा रही है।
पॉलीहाउस पर सरकार देगी 80 प्रतिशत सब्सिडी
पॉलीहाउस लगाने पर प्रदेश सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी देगी। 50 वर्गमीटर से 500 वर्ग मीटर तक किसान पॉलीहाउस लगा सकते हैं। किसानों को पॉलीहाउस की लागत का मात्र 20 प्रतिशत राशि देनी होगी।