इस विधानसभा में अब तक पांच चुनाव हुए हैं, जिनमें से चार बार बसपा प्रत्याशी को जीत मिली है।
मंगलौर विधानसभा में अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में चार बार जीत दर्ज कर चुकी बसपा के लिए इस सीट को बचाए रखने की चुनौती है। दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेर्दुरहमान को बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति दे दी, जबकि सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मैदान में उतर सकते हैं।
इस विधानसभा में अब तक पांच चुनाव हुए हैं, जिनमें से चार बार बसपा प्रत्याशी को जीत मिली है। 2002 के पहले चुनाव में 21,155 वोट के साथ बसपा के काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की और कांग्रेस के सरवत करीम यहां 14,561 वोट हासिल कर पाए। 2007 के चुनाव में बसपा से निजामुद्दीन फिर 25,559 मत हासिल करके विजेता रहे, जबकि रालोद के चौधरी कुलवीर सिंह 22,166 के साथ दूसरे और कांग्रेस के सरवत करीम 18,629 वोटों के साथ तीसरे पायदान पर रहे।
2012 के चुनाव में बसपा ने सरवत करीम को उतारा। उन्होंने 24,706 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन ने 24,008 वोट हासिल किए। 2017 के चुनाव में कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन 31,352 वोटों के साथ विजेता रहे, जबकि बसपा के सरवत करीम ने 28,684 वोट हासिल किए। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के सरवत करीम 32,660 वोटों के साथ विजयी रहे, जबकि कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 32,062 वोट मिले।
हार-जीत का अंतर 598 वोटों का रहा। हाल में हुए लोस चुनाव में मंगलौर विस में बसपा का वोटबैंक नीचे चला गया है। बसपा लोस प्रत्याशी जमील अहमद को महज 5,507 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के वीरेंद्र रावत को यहां 44,101 वोट मिले। भाजपा के वोटबैंक में यहां करीब तीन हजार का इजाफा हुआ, लेकिन 2022 के विस के मुकाबले कांग्रेस का वोट प्रतिशत काफी बढ़ गया। अब बसपा के लिए इस वोटबैंक को साधते हुए विधायक जिताने की बड़ी चुनौती है।
बसपा अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने बताया, पार्टी मंगलौर और बदरीनाथ दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारने जा रही है। कहा, बसपा सुप्रीमो मायावती से सोमवार को फोन पर बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने मंगलौर सीट पर दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेदुर्रहमान को टिकट देने पर सहमति दे दी, जबकि बदरीनाथ पर अभी फैसला होना बाकी है। कहा, दोनों सीटों पर बसपा जोरदार जीत दर्ज करने जा रही है।
लिब्बरहेड़ी। मंगलौर में विस उपचुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस से जहां राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मैदान में आ सकते हैं, वहीं बसपा से उबेदुर्रहमान उर्फ मोंटी मैदान में उतर रहे हैं। वहीं, भाजपा करतार सिंह भडाना पर दांव खेल सकती है। मंगलौर विधायक सरवत करीम का पिछले साल 30 अक्तूबर को निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट रिक्त थी।