
लंबे समय से दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण, चिह्नीकरण और समान पेंशन समेत विभिन्न मांग पूरी न होने से गुस्साए राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ धरना दिया। चेतावनी दी कि जल्द मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।
आंदोलनकारियों ने 23 जून को मुजफ्फरनगर कांड की निशुल्क पैरवी करने वाले मुजफ्फरनगर बार के दोनों अधिवक्ताओं का सम्मान करने की भी घोषणा की। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले शुक्रवार को तहसील चौक के समीप दीनदयाल पार्क पर एकत्र हुए आंदोलनकारियों ने धरना दिया। प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, मुख्यमंत्री ने दिल्ली प्रवासियों के चिह्नीकरण करने के लिए विधानसभा में घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया। इतना ही नहीं दिसंबर 2021 के शासनादेश पर प्रशासन ने अभी तक सकारात्मक कदम नहीं उठाए हैं। इससे आंदोलनकारियों में भारी रोष है।
मांग करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की समान पेंशन को ट्रेजरी के बजाय पूर्व की भांति ही जिलाधिकारी कार्यालयों से ही पेंशन का भुगतान किया जाए। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, महेंद्र रावत व गंभीर मेवाड़ ने मांग करते हुए कहा, जल्द राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को पूरा करने के साथ प्रदेश में सशक्त भू-कानून, मूल निवास लागू किया जाए। धरना देने वालों में हर्ष प्रकाश काला, देवी गोदियाल, मोनू नौटियाल, सुलोचना भट्ट, जबर सिंह पावेल, केशव उनियाल, पुष्पलता सिलमाणा, सुलोचना भट्ट आदि मौजूद रहे।