उत्तराखंड

डिफेंस कॉरिडोर देगा प्रदेश के 40 हजार युवाओं को रोजगार, 42 औद्योगिक समूहों को मिली जमीन

यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अधिकारियों के अनुसार अबतक 154 एमओयू हो चुके हैं, जिसमें से 129 इंडस्ट्रियल और 25 इंस्टीट्यूशनल हैं।

 रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) अहम भूमिका निभाने जा रहा है। राज्य में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 6 नोड आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट और झांसी हैं। इन नोड्स में करीब 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ हो गया है, जिससे 40 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अधिकारियों के अनुसार अबतक 154 एमओयू हो चुके हैं, जिसमें से 129 इंडस्ट्रियल और 25 इंस्टीट्यूशनल हैं। इसके अलावा 87 एमओयू का मूल्यांकन किया जा रहा है। यूपीडा की ओर से अबतक 1600 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसमें 700 हेक्टेयर से अधिक जमीन 42 औद्योगिक समूहों को आवंटित हो गई है। इन उद्योग समूहों की ओर से करीब आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है।

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए सबसे ज्यादा एक हजार हेक्टेयर भूमि झांसी नोड में है। इसके बाद कानपुर नोड में 200 हेक्टेयर, लखनऊ में 160 हेक्टेयर, चित्रकूट में 100 हेक्टेयर और अलीगढ़ नोड में 90 हेक्टेयर से अधिक जमीन है। आगरा में अधिग्रहण का काम अभी नहीं हो सका है, यहां भी 90 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।

सभी छह नोड्स में से अलीगढ़ में सबसे ज्यादा 23 उद्योग समूहों को जमीन आवंटन हो चुका है, जबकि 16 पाइप लाइन में हैं। इसके बाद झांसी में 8 को जमीन मिल चुकी है, जबकि 22 कंपनियां पाइपलाइन में हैं। इसी प्रकार लखनऊ में 6 कंपनियों को जमीन मिल गई है और 25 पाइपलाइन में हैं। कानपुर नोड में भी 5 कंपनियों को जमीन प्राप्त हो गई है, जबकि 19 पाइपलाइन में हैं। चित्रकूट और आगरा में अभी कंपनियों को भूमि आवंटन नहीं हुआ है। आगरा में 5 कंपनियां पाइपलाइन में हैं।

लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एयरॉली टेक्नोलॉजीज, झांसी में भारत डायनेमिक्स, अलीगढ़ में एनकोर रिसर्च लैब्स और एमीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स, कानपुर में अडानी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज और आधुनिक मैटेरियल एंड साइंस जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। अडानी समूह और आधुनिक मैटेरियल व अलीगढ़ में एमीटेक में उत्पादन शुरू भी हो चुका है। झांसी में ग्लोबल इंजीनियर्स, फेरेट्रो इंडिया, डब्ल्यू बी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को जमीन आवंटन हो चुका है।

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