उत्तराखंड

22 घंटे गुल रही बत्ती, पेयजल के लिए तरसे लोग

बाजारशुकुल (अमेठी)। जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सबसे बुरा हाल बाजारशुकुल और जगदीशपुर क्षेत्र का है। बुधवार सुबह करीब 10 बजे बाजारशुकुल, महोना और सत्थिन उपकेंद्र की बत्ती गुल हुई तो बृहस्पतिवार को करीब 22 घंटे बाद ही स्थाई रूप से बहाल हो सकी। दो चरणों में करीब ढाई घंटे ही उपभोक्ताओं को बिजली मिल सकी। इतनी लंबी बिजली कटौती से उमस भरी गर्मी में क्षेत्र की डेढ़ लाख आबादी परेशान रही। उपकेंद्र से जुड़े निजी नलकूप ठप रहे।

विद्युत उपकेंद्र बाजारशुकुल, महोना और सत्थिन अंतर्गत घरेलू और कॉमर्शियल सहित करीब तीन हजार बिजली के उपभोक्ता हैं। इसके साथ ही 700 निजी नलकूप हैं। पिछले जून महीने से बेपटरी हुई यहां की बिजली व्यवस्था अब तक दुरुस्त हो सकी है। बुधवार को दिन में 10.16 बजे बिजली गुल हो गई। उपभोक्ताओं ने फोन करना शुरू किया। विभाग की ओर से जल्द आपूर्ति बहाल होने का आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन बिजली नहीं आई। शाम 5.1 बजे बिजली के दर्शन होने पर उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली। करीब डेढ़ घंटे के भीतर 6.27 बजे फिर बिजली कट गई। इसके बाद 11.31 बजे बिजली आई। 12.30 बजे फिर चली गई। रात भर कस्बे समेत आसपास का इलाका अंधेरे में डूबा रहा। करीब डेढ़ लाख उपभोक्ताओं ने उमस भरी गर्मी में जागकर रात काटी।

लंबी कटौती से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दे गए जवाब
बृहस्पतिवार को करीब 11 घंटे बाद 11.45 बजे फिर बिजली बहाल हुई। बुधवार सुबह 10.16 बजे से बृहस्पतिवार को 11.45 के बीच में उपभोक्ताओं को करीब ढाई घंटे ही बिजली मिल सकी। इतनी लंबी कटौती से उपभोक्ताओं के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जवाब दे गए। इनवर्टर चार्ज नहीं होने से घरों में अंधेरा छाया रहा। मोबाइल भी पूरी तरह चार्ज नहीं हो पाए। किसानों के नलकूप ठप रहे। पानी नहीं होने से रोपाई बाधित रही। सबसे ज्यादा व्यवसायियों को परेशानी उठानी पड़ी। इसको लेकर उपभोक्ताओं में खासी नाराजगी है। जेई अश्विनी यादव से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

जेई से लेंगे जानकारी
अधिशासी अभियंता हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि इतनी लंबी कटौती की जानकारी नहीं है। स्थानीय स्तर पर ही कोई समस्या होगी। जेई को बुलाकर मामले की जानकारी करेंगे।
आज धरना प्रदर्शन करेगी भाकियू
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के संरक्षक देवी दयाल शर्मा ने बिजली संकट को लेकर जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। उन्होंने शुक्रवार को 11 बजे से उपभोक्ताओं, जनप्रतिनिधियों व व्यापारियों के साथ विद्युत उपकेंद्र बाजारशुकुल में धरना-प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की है। आरोप लगाया कि यहां के अवर अभियंता उपभोक्ताओं की बात नहीं सुनते हैं। बिजली कर्मचारी उपभोक्ताओं का फोन तक नहीं उठाते। आपूर्ति बंद होते ही अधिकतर कर्मचारियों के फोन स्वीच ऑफ हो जाते है।

बिजली गिरने से दो उपकेंद्र ठप, 12 घंटे गुल रही बत्ती
अमेठी। बुधवार दोपहर बाद हुई बारिश के दौरान बिजली गिरने से मेन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इससे अमेठी और बेनीपुर विद्युत उपकेंद्र ठप हो गए। दोनों उपकेंद्रों से जुड़ी करीब सवा लाख आबादी 12 घंटे बिजली पानी को तरस गई। विद्युत कर्मियों की रात भर की मशक्कत के बाद भोर करीब तीन बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हुई।

बुधवार दोपहर तीन बजे बारिश के दौरान 132 केवी विद्युत उपकेंद्र से अमेठी और बेनीपुर विद्युत उपकेंद्र को जाने वाली 33 केवी लाइन पर बिजली गिर गई थी। बेनीपुर उप केंद्र को जाने वाली मेन लाइन के इंसुलेटर और अमेठी विद्युत उपकेंद्र को जाने वाली लाइन के दो इंसुलेटर, चार खंभों के तार टूट गए थे। टेरी गांव के पास मेन लाइन पर बांस की कोठ गिर गई थी। दोनों विद्युत उपकेंद्रों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। दोनों विद्युत केंद्रों के अमेठी शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की करीब सवा लाख की आबादी अंधेरे में रहने को मजबूर रही। लोग पेयजल के लिए तरस गए। दोनों विद्युत उपकेंद्रों की करीब 12 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बंद रही। विद्युत कर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद भोर तीन बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी।
जेई कुलदीप ने बताया कि बिजली गिरने से 33 केवी की मेन लाइन खराब हो गई थी। भोर तीन बजे विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई।

जगदीशपुर में लगाए गए 18 बिजली खंभे
जगदीशपुर क्षेत्र में रविवार को तेज हवा व बारिश के चलते बिजली के खंभे गिर गए थे। जगदीशपुर ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक करीब 18 खंभे लगा दिए गए हैं। दो चार जगहों पर ही खंभे लगाने रह गए हैं, खेतों में पानी होने से दिक्कत आई है। बाजारशुकुल व महोना में 24 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित होने को गलत बताया। कहा कि कुछ देर के लिए फाल्ट हो सकती है। कुछ लोग मिलने के लिए आए थे, उन्हें सही जानकारी दी गई है।

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