उत्तराखंड

आज से नए रावल अमरनाथ नंबूदरी के तिलपात्र की तैयारी, ढाई सौ साल से चली आ रही है यह खास परंपरा

आज 13 जुलाई को सबसे पहले नवनियुक्त रावल का मुंडन किया जाएगा। उसके बाद जनेऊ बदला जाएगा। 14 जुलाई को सुबह वर्तमान रावल भगवान बदरीविशाल का अभिषेक करेंगे और बालभोग लगाएंगे। इस प्रक्रिया में नए रावल भी मौजूद रहेंगे।

बदरीनाथ धाम में नए रावल के तिलपात्र की तैयारियों में बीकेटीसी जुट गई है। 13 और 14 को तिलपात्र की प्रक्रियाएं होंगी। इन प्रक्रियाओं के दौरान वर्तमान रावल नए रावल को पाठ, मंत्र के साथ गुरु मंत्र भी देंगे, जिसके बाद नए रावल 14 जुलाई को शयनकालीन पूजा के लिए छड़ी के साथ मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ वह धाम में पूजा-अर्चना शुरू कर देंगे।

वर्तमान रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के इस्तीफे के बाद बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने धाम में तैनात नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी को नए रावल के लिए नियुक्त कर दिया है। मंदिर में पूजा अर्चना शुरू करने और गर्भगृह में प्रवेश से पहले नए रावल का तिलपात्र किया जाएगा। तिलपात्र के तहत विभिन्न प्रक्रियाएं संपन्न की जाती हैं। धाम में ढाई सौ साल से रावल परंपरा चल रही है और नए रावल की तैनाती के लिए तिलपात्र की भी।

तिलपात्र के दौरान ये होंगी प्रक्रियाएं

13 जुलाई को सबसे पहले नवनियुक्त रावल का मुंडन किया जाएगा। उसके बाद जनेऊ बदला जाएगा। फिर वे बदरीनाथ धाम में स्थित पंच धाराओं कुर्मधारा, प्रह्लाद धारा, इंद्र धारा, उर्वशी और भृगु धारा में स्नान करेंगे। स्नान के बाद रावल बदरीनाथ मंदिर में आएंगे। मंदिर में धर्माधिकारी और वेदपाठी वैदिक मंत्रोचार के साथ तिलपात्र की प्रक्रियाएं संपन्न कराएंगे। सभी प्रक्रियाओं को करने के बाद हवन किया जाएगा।

अगले दिन 14 जुलाई को सुबह वर्तमान रावल भगवान बदरीविशाल का अभिषेक करेंगे और बालभोग लगाएंगे। इस प्रक्रिया में नए रावल भी मौजूद रहेंगे। बालभोग के बाद वर्तमान रावल नए रावल को पाठ, मंत्र व गुरुमंत्र (मंदिर में होने वाली पूजाएं, मंत्र आदि) देंगे जिसके बाद नए रावल अपने निवास पर चले जाएंगे। 14 जुलाई को शयनकालीन पूजा करने के लिए नए रावल छड़ी के साथ मंदिर में प्रवेश करेंगे और बदरीनाथ में होने वाली सभी पूजाएं शुरू करेंगे। बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि वर्तमान रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का 2014 में तिलपात्र उन्होंने ही संपन्न कराया था।

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