सत्यम तिवारी फर्जी दरोगा बनकर घूमता था। कृष्णानगर पुलिस और साइबर सेल की टीम ने शनिवार को उसको गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, आरोपी सत्यम ने अपनी मंगेतर को भी झांसा दिया था।
फर्जी दरोगा प्रकरण में पुलिस की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस युवती से उसकी शादी होने वाली थी, उसको नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपये हड़पे थे। वह इसी तरह से लोगों को जाल में फंसाकर ठगी को अंजाम देता था। कृष्णानगर पुलिस ने रविवार को आरोपी को कोर्ट में पेशकर जेल भेजा।
आजमगढ़ निवासी सत्यम तिवारी फर्जी दरोगा बनकर घूमता था। कृष्णानगर पुलिस और साइबर सेल की टीम ने शनिवार को उसको गिरफ्तार किया था। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपी सत्यम ने अपनी मंगेतर को भी झांसा दिया था। दावा किया कि वह उसकी नौकरी लगवा देगा। उससे पचास हजार रुपये भी लिए। न नौकरी लगी न पैसे वापस किए और कुछ ऐसी बातें सामने आएं, जिससे उस पर शक हुआ। तब साइबर सेल में युवती ने शिकायत की थी।
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी बरेली के अलावा गोमतीनगर थाने से चोरी के मामले में भी जेल जा चुका है। छूटने के बाद वह फिर से दरोगा बनकर ठगी को अंजाम देने लगा था।