
व्यापारी नेता नवीन वर्मा के नाम पर भाजपा में बवंडर हो गया। पार्टी का एक गुट वर्मा को भाजपा की सदस्यता दिलाना चाहता था। इसका पता चलते ही दूसरे गुट ने संघ से हस्तक्षेप कराकर मंगलवार को सदस्यता कार्यक्रम ही रद्द करा दिया।
मेयर चुनाव के लिए व्यापारी नेता नवीन वर्मा के नाम पर भाजपा में बवंडर हो गया। पार्टी का एक गुट वर्मा को भाजपा की सदस्यता दिलाना चाहता था। इसका पता चलते ही दूसरे गुट ने संघ से हस्तक्षेप कराकर मंगलवार को सदस्यता कार्यक्रम ही रद्द करा दिया। वहीं वर्मा का कहना है कि पार्टी ने उन्हें कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा है। पार्टी में हुए बवंडर के बाद अब इस बात की चर्चा है कि हल्द्वानी की मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित हो सकती है।
भाजपा में मेयर पद प्रत्याशी के लिए 24 लोगों ने दावेदारी की थी। इनमें सिर्फ तीन ओबीसी से थे। अन्य सामान्य वर्ग के ही थे। यदि सीट सामान्य होती तो भाजपा में घमासान होना तय था। क्योंकि बाकी 21 में से तो कई बड़े चेहरे थे ही, बाकी भी कई दावेदार सामने आ सकते थे। सूत्र बताते हैं कि इससे बचने के लिए इस सीट को ओबीसी के लिए आरक्षित कराया गया। पार्टी के पास ओबीसी का कोई मजबूत चेहरा नहीं था। लिहाजा पार्टी के ही कुछ लोगों ने नवीन वर्मा का नाम उछालते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कराने तक की योजना बना डाली।
जैसे ही वर्मा का नाम चर्चाओं में आया तो भाजपा के दूसरे गुट ने संघ से हस्तक्षेप करा दिया। इसके बाद मंगलवार को आयोजित होने वाले सदस्यता कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया गया। ऐसे में वर्मा भाजपा में शामिल नहीं हो सके। यह पता लगने के बाद वह घर से अपने प्रतिष्ठान पहुंच गए और पूरे दिन वहीं रहे। हालांकि ज्वाइनिंग का कार्यक्रम टलने पर भाजपा के सभी पदाधिकारी कुछ बोलने से बचते रहे। वहीं सूत्रों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में अब यह सीट महिला के लिए भी आरक्षित हो सकती है।
सवाल छूटा, किसके इशारे पर टली ज्वाइनिंग
व्यापारी नेता नवीन वर्मा के भाजपा की सदस्यता लेने संबंधी कार्यक्रम स्थगित होने से नगर निगम की राजनीति में नया मोड़ आ गया। जब वर्मा को भाजपा में शामिल कराने की सारी कवायद हो चुकी थी, तो ऐन वक्त पर किसके इशारे पर योजना स्थगित की गई। इस सवाल का जवाब लोग तलाशते रहे। सोमवार देर शाम तक वर्मा के भाजपा में शामिल होने की खबर चर्चाओं में थी। लेकिन मंगलवार सुबह बाजी पलट गई और सदस्यता कार्यक्रम रद्द हो गया। मंगलवार को जगह-जगह यही चर्चा रही कि आखिर किसके कहने पर वर्मा की भाजपा में ज्वाइनिंग नहीं हो सकी है।
पार्टी में शामिल होने के लिए कुछ लोगों के नाम मिले थे। उनका बायोडाटा प्रदेश मुख्यालय भेजा गया है। प्रदेश नेतृत्व से निर्देश मिलने पर सदस्यता दिलाने को लेकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।