उत्तराखंड

चंडीगढ़ के उद्योग जगत के सफर पर चर्चा, खामियां बताने के साथ विकास के लिए सुझाव भी दिए

संवाद कार्यक्रम में पहुंचे व्यापारियों ने कहा कि शहर के कारोबारी उद्योग व कारोबार जगत के लिए नए आयाम स्थापित करना चाहते हैं लेकिन नियम-कानून और बंदिशों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। सिर्फ 24 घंटे दुकान खोलने के आदेश से चंडीगढ़ में व्यापार व व्यापारियों का विकास संभव नहीं है। अगर विकास करना है तो लीज होल्ड से फ्री होल्ड जैसे कई प्रस्तावों पर प्रशासन को सकारात्मक रवैया अपनाना होगा।

सेक्टरों में सिमटा कारोबार अब मॉल कल्चर और ऑनलाइन ट्रेडिंग तक पहुंच चुका है। चंडीगढ़ के उद्योग व व्यापार जगत ने बीते 25 वर्षों में तेजी से रफ्तार पकड़ी है और काफी विकास किया है। फिर भी कुछ ऐसी समस्याएं और बंदिशें हैं, जिनको दूर कर लिया जाए तो शहर के उद्योग व व्यापार को और रफ्तार मिलेगी।

ये बातें शहर के अलग-अलग व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व व्यापारियों ने चंडीगढ़ में अमर उजाला के 25वें स्थापना दिवस (20 जुलाई) से पहले आयोजित संवाद कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर-9 स्थित कार्यालय में अमर उजाला कार्यालय में किया गया।

व्यापारी बोले-यहां की पॉलिसी उलझी हुई 

व्यापारियों ने शहर में उद्योग व व्यापार की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां की पॉलिसी उलझी हुई है। इससे व्यापारियों का ब्रेन ड्रेन हो रहा है। शहर के युवा यहां काम करने को तैयार नहीं। शहर की व्यापारिक परिस्थितियां पैसा होने के बावजूद युवाओं को यहां बिजनेस करने के लिए तैयार नहीं होने दे रहीं। इससे पलायन बढ़ रहा है। व्यापारियों ने एकमत से कहा कि 25 वर्षों में शहर की आबादी के साथ व्यापार भी बढ़ा है लेकिन प्राथमिक जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। नतीजतन पार्किंग की समस्या ग्राहकों का मोहभंग कर रही है। शहर के व्यापारी सिर्फ जीएसटी एकत्र करने का माध्यम बनकर रह गए हैं।

व्यापारियों ने कहा कि चंडीगढ़ की स्थिति का आसपास के शहरों को लाभ हो रहा है क्योंकि व्यापारी यहां से काम अन्य जगह स्थानांतरित कर रहे हैं। व्यापारियों ने हेरिटेज सिटी के नाम पर पिछड़ते व्यापार पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि इससे विकास की राह बाधित हो रही है। शहर मध्यमवर्गीय लोगों वाला बन गया है, जो नौकरी यहां करते हैं और रहते हैं दूसरे शहर में। ऐसे में यहां सिर्फ लेबर ग्रुप की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में व्यापार के विकास की गुंजाइश नहीं बनती।

संवाद में ये रहे उपस्थित

संवाद में चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरनजीव सिंह, सचिव संजीव चड्ढा, संरक्षक दिवाकर साहूंजा, इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण महाजन, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष चंदर वर्मा, चंडीगढ़ इंडस्ट्र्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष एमपीएस चावला, चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के सचिव नरेश जैन, विजय सांगवार, लघु उद्योग भारती के महासचिव मनीष निगम, नरेश कुमार, व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष सुशील जैन और जतिंदर मित्तल, चंडीगढ़ इंडस्ट्र्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष एमपीएस चावला, पंचकूला इंडस्ट्र्रियल एसोसिएशन के रमेश अग्रवाल और राकेश गर्ग, चंडीगढ़ फर्नीचर मार्केट के अध्यक्ष नरेश कुमार, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के अध्यक्ष वरिंदर सिंह सलूजा मौजूद रहे।

व्यापार के विकास में ये बन रही रोड़ा

– अधिकारियों का व्यापारियों से संपर्क न हो पाना
– नियम कानून के नाम पर कार्रवाई
– स्ट्रीट वेंडर के मानकों में अनदेखी
– सुनियोजित कार्ययोजना की कमी
-बाजारों में पार्किंग की कमी

इन पर दें ध्यान तो बने बात

– प्रशासनिक अधिकारियों की शहर के व्यापारिक संघों के साथ हर माह बैठक हो, समस्या सुनी जाए और मौके पर निपटारा हो
– सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो
– बाजारों के पास हो पार्किंग की बेहतर व्यवस्था
– बिल्डिंग बायलॉज में मिले रियायत

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