
खुशहालपुर गांव की एक बस्ती में सुबह सवेरे हड़कंप मच गया। क्षेत्र की पानी की निकासी का नाला चोक हो जाने के चलते लगातार हो रही बारिश का पानी बस्ती में एकत्रित होता रहा।
रातभर से चल रही बारिश के बाद मंगलवार की सुबह खुशहालपुर गांव की एक बस्ती में पानी भर गया। पानी भरने से बस्ती में हड़कंप मच गया। उधर, सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाकर रेस्क्यू अभियान चलाया। अधिकारियों ने बताया क्षेत्र की पानी की निकासी का नाला चोक होने के कारण इस प्रकार की स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने बताया जलभराव से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
खुशहालपुर गांव की एक बस्ती में सुबह लगभग सात बजे भारी मात्रा में मौजूद पानी लोगों के घरों में घुसने लगा। घरों में पानी भरता देख ग्रामीण अपने घरेलू सामान को बचाने में जुट गए। उधर, ग्रामीणों की सूचना पर ग्राम प्रधान मोहम्मद सादिक ने मौके पर पहुंचकर तहसील प्रशासन को जलभराव की सूचना दी।
सूचना पाकर नायब तहसीलदार ग्यारूदत्त जोशी ने बस्ती की स्थिति को देखकर एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड को भी मौके पर बुला लिया। तहसील प्रशासन के दिशा निर्देशन में कई घंटो तक चले रेस्क्यू अभियान में कई घरों से टीम ने सामान व ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पंहुचाया।
नाला चोक होने व एक बाउंड्री से उत्पन्न हुई समस्या
बस्ती क्षेत्र की पानी की निकासी का नाला चोक होने व बस्ती के ठीक सामने स्थित एक निजी जमीन पर चाहरदीवारी करा लिए जाने से जलभराव की समस्या पैदा हुई। प्रशासन ने बस्ती का पानी निकालने के लिए चाहरदीवारी के नीचे से सुराख करके पानी निकलने की व्यवस्था की। तहसील प्रशासन ने ग्राम पंचायत को नाले की सफाई के निर्देश भी मौके पर दिए।
35 परिवारों को पहुंचा नुकसान
जलभराव के कारण बस्ती में निवास करने वाले लगभग 35 परिवारों को नुकसान पहुंचा है। रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे नायब तहसीलदार ग्यारूदत्त जोशी ने बताया जलभराव के कारण बस्ती स्थित मकानों में रखे कपड़े, बिस्तर व खाना आदि बनाने का सामान खराब हो गया है। पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता दिए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
खुशहालपुर की बस्ती में हुई जलभराव के कारण व नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। मौके पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में भेजी गई राजस्व विभाग की टीम से नुकसान की रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। रिपोर्ट आ जाने के बाद नियमानुसार सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्र की पानी की निकासी के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे।