
वासंती नारी जागरण समिति के तत्वाधान में पश्चिम बंगाल में हाल ही में घटित एक घटना के विरोध में देहरादून में जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस घटना में एक महिला को शरिया कानून के तहत सार्वजनिक रूप से सजा दी गई थी, जो न केवल शर्मनाक है, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान पर सीधा आघात है। समिति की प्रमुख रज्जो देवी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि ऐसी घटनाएं महिलाओं के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न का संकेत हैं।
उन्होंने कहा, “महिलाएं अब इस प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगी। यदि किसी को सजा देनी भी है, तो उसे कानून के तहत दी जानी चाहिए। अगर हम आज इस घटना का विरोध नहीं करेंगे, तो शरिया कानून पूरे भारत में लागू हो जाएंगे और महिलाओं का उत्पीड़न निरंतर बढ़ता जाएगा।” रज्जो देवी ने बताया कि देहरादून में समिति ने एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें इस घटना पर गहन चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
इस निर्णय के तहत, 5 जुलाई को पूरे भारत में ममता बनर्जी का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। देहरादून में भी समिति ने ममता बनर्जी का पुतला जलाकर इस घटना का विरोध किया। रज्जो देवी ने कहा, “हमारी बहनें पूरे भारत में इसका विरोध कर रही हैं। हम अपनी शक्ति का उजागर करना चाहते हैं और महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उत्तराखंड में भी हाल ही में महिलाओं पर उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं। रज्जो देवी ने बताया कि पंद्रह दिनों में उत्तराखंड में दो महिलाओं पर उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं, लेकिन इन घटनाओं पर अभी तक कोई बयान या प्रैस वार्ता नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हमने इस पर चर्चा की है और जल्द ही इन घटनाओं पर भी कार्रवाई करेंगे।”
उन्होंने बताया कि समिति ने गोयल पुरोला में भी एक घटना पर न्याय की मांग की है, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। इसके अलावा, अंकिता भंडारी के मामले में भी समिति ने कोई बयान नहीं दिया है। रज्जो देवी ने कहा, “हमारी मीटिंग में बहनों ने अपनी बात रखी है और हम इस पर गंभीरता से ध्यान देंगे।”
रज्जो देवी ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है, तब महिलाओं के बढ़ते उत्पीड़न पर सख्त कानून बनाने की मांग उठती है। उन्होंने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में सख्त कानून बनने चाहिए और दोषियों को कठोर सजा दी जानी चाहिए। हम किसी भी प्रकार के शरिया कानून का विरोध करते हैं और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित हैं।”
देहरादून में इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं और उन्होंने शरिया कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। वासंती नारी जागरण समिति ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए आगे भी संघर्ष
रिपोर्टर :लक्ष्मण प्रकाश