कारगिल युद्ध को लेकर सूर्यकांत धस्माना जी ने कहा कि यह भारत का एकमात्र युद्ध था जो भारत की धरती पर लगा
अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार की लापरवाही के कारण इन्हें बड़े पैमाने पर घुसपैठ हुई कारगिल में पाकिस्तानी सैनिक आधे कब्जा कर लिया और सारी जगह में उसके बाद यह भारत की सेना का अदम्य साहस था
उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर इतनी बड़ी तादाद में शहादत देकर के पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए पाकिस्तान वहां से खदेड़ा और कारगिल में दोबारा से कब्जा भारत का हुआ कारगिल में जो तमाम साहित्य हमको याद इसलिए है कि उनमें सौ निन्यानवे में कारगिल के शहीदों के शव पहला शाम यहां पर में गुरु गाया था
और उसके बाद जब शवों के आने की झड़ी लगी तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते थे रोजाना चार पाँच शहीदों के शव उत्तराखंड में पहुंचते थे उनको सलाम करने जाते थे पुष्पांजलि देने जाते थे
और ऐसा समय था
जिस समय में हम सब लोगों ने अपनी आंखों से उस आदतों का मसलन देखा तो इसलिए आज हमने उनको नमन किया आज हमने गांधी पार्क पहुंचकर के सरकार तो याद करते हैं तो बीजेपी का कार्यक्रम बना दिया वास्तव में तो सरकार को सभी राजनीतिक दलों को बुलाना चाहिए ऐसे कार्यक्रमों में यह राष्ट्रीय कार्यक्रम होते हैं
लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी ने इस देश के अंदर नई परंपरा शुरू करिए ऐसे कार्यक्रमों में भी जब हम देश के शहीदों को नमन कर रहे हैं उसमें भी अगर बीजेपी कांग्रेस करेंगे पक्ष विपक्ष करेंगे तो यह मैं समझता हूँ खराबा और यह उनके प्रति भी असम्मान है इसलिए हम अपने सोता है उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से गांधी पार्क
कारगिल शहीद स्मारक में को श्रद्धासुमन अर्पित किए
आज की तारीख में हम देश के तमाम शहीदों को चाहे वह इकहत्तर के युद्ध के पैंसठ के युद्ध के हो बासठ के युद्ध में देश आजाद हुआ उसके बाद जो
आक्रमण हुआ उसके युद्ध के हो
हमारे देश के अंदर तमाम जो ऑपरेशन में उसके अलग अलग आतंकवादी घटनाओं में जो हमारे सैनिक शहीद होते हैं वो तमाम शहीदों को हम उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से और प्रदेश के एक नागरिक की तरफ से शत शत नमन करते हैं प्रणाम करते हैं
रिपोर्टर :लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :गोपाल चोपड़ा