उत्तराखंड

1161 केंद्रों में होगी परीक्षा, इस तरह से जारी होगा एडमिट कार्ड, हर काम के लिए होगा अलग वेंडर

यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा अगस्त के महीने में पांच दिन होनी है। इसके लिए प्रदेश में 1161 केंद्र बनाए गए हैं। दस पालियों में होनी वाली इस परीक्षा के प्रश्न पत्र अलग-अलग होंगे। 

 उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए 1161 केंद्रों का चयन किया गया है। पेपर लीक से बचने के लिए परीक्षा केंद्र सरकारी व सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में बनाए गए हैं। सभी परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय की 10 किमी की परिधि के भीतर हैं। भर्ती बोर्ड परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को पहले जिला आवंटित करेगा। इसके बाद परीक्षा केंद्र के नाम के साथ एडमिट कार्ड जारी करेगा। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि इस बार भी परीक्षा ऑफलाइन होगी। इसमें ओएमआर शीट पर सवालों के जवाब देने होंगे। पांच दिन में दस पालियों में होने वाली परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी अलग-अलग होंगे।

उन्होंने कहा कि जून में कार्मिक विभाग द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक परीक्षा केंद्रों के मानकों में अहम बदलाव किए गए हैं। परीक्षा में फूलप्रूफ सुरक्षा इंतजामों के लिए कई सरकारी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। पेपर लीक एवं सॉल्वर गैंग पर नजर रखने की जिम्मेदारी एसटीएफ को दी जाएगी। परीक्षा की तैयारियों को लेकर सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तान को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

उन्होंने साफ किया कि परीक्षा में सिर्फ वही अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे, जिन्होंने पिछली बार आवेदन किया था। नया आवेदन स्वीकार नहीं होगा। हालांकि फरवरी में आयोजित परीक्षा के दौरान आयुसीमा में दी गई छूट का लाभ इस बार भी मिलेगा।

डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने किया परीक्षा केंद्र का चयन
जून में जारी शासनादेश के मुताबिक डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने परीक्षा केंद्रों का चयन किया है। समिति में जिला प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं। परीक्षा केंद्रों के चयन से पूर्व स्थानीय अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट और एसटीएफ से फीडबैक भी लिया गया है। शासन के नियमों के मुताबिक श्रेणी एक के परीक्षा केंद्रों के तहत राजकीय विद्यालय, राजकीय डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में से चयन किया गया है। वहीं, श्रेणी बी के केंद्रों में राज्य सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया है, जो पूर्व में संदिग्ध अथवा काली सूची में न रहे हों। साथ ही परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के दौरान उनके द्वारा बीते तीन वर्ष के दौरान कराई गयीं परीक्षाओं का अनुभव, सीसीटीवी की अनिवार्यता, मार्ग, यातायात साधनों की स्थिति समेत तमाम संसाधनों की उपलब्धता का भी ध्यान रखा गया है।

हर काम के लिए अलग वेंडर
बता दें कि शासनादेश के मुताबिक भर्ती बोर्ड ने परीक्षा संबंधी हर कार्य के लिए अलग वेंडर का चयन किया है। उदाहरण के तौर पर एजेंसी ए प्रश्न पत्रों को तैयार कराने, छपवाने व जिलों के कोषागार तक भेजने का काम करेगी। तो एजेंसी बी परीक्षा संपन्न कराएगी। इसमें प्रश्न पत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाना, परीक्षा केंद्र की समस्त व्यवस्था और परीक्षा समाप्ति के बाद ओएमआर शीट को बोर्ड तक पहुंचाना शामिल है। वहीं, एजेंसी सी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा का कार्य जैसे सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमीट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापना का कार्य करेगी। एजेंसी डी का कार्य बोर्ड परिसर में ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराकर परीक्षा का स्कोर बोर्ड का उपलब्ध कराना होगा।

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