
रिस्पना किनारे भगत सिंह कॉलोनी सहित कई जगह बाढ़ से हुई तबाही के निशान दूसरे दिन भी दिखाई दिए। बाढ़ से प्रभावित परिवार अपने बचे हुए सामान को एकत्र करते नजर आए। नदी किनारे की कॉलोनियों में बाढ़ से काफी मलबा और गंदगी फैली है। नगर निगम की टीम के नहीं पहुंचने पर लोग स्वयं ही सड़कों और नालियों की सफाई करते दिखे।
मंगलवार की रात रिस्पना नदी में अचानक बाढ़ आ गई। नदी से सटे तरला आमवाला, एमडीडीए कॉलोनी, मोहिनी कॉलोनी, भगत सिंह कॉलोनी सहित कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया। सूचना पर फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और नगर निगम की टीमों ने बुधवार को राहत-बचाव कार्य शुरू किया था। बाढ़ की चपेट में आने से कई परिवार बेघर हो गए। उनके घरों में मलबा और पानी भर गया। सामान खराब हो गया। बृहस्पतिवार दूसरे दिन इन कॉलोनियों की सड़कों पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहा। नालियों में कीचड़ भर रहा। लोगों का आरोप है कि नगर निगम की टीम दूसरे दिन मौके पर पहुंची। गंदगी से संक्रामक बीमारियां फैलने के खतरे को देखते हुए लोगों ने खुद ही गलियों और सड़कों पर सफाई अभियान चलाया। भगत सिंह कॉलोनी निवासी इलियास ने कहा कि नगर निगम की टीम बुधवार की सुबह आई और फोटो खिंचवा कर चली गई। बृहस्पतिवार को कॉलोनियों में निगम का कोई कर्मचारी झांकने नहीं आया।
एटीएस कॉलोनी में एक रेस्टोरेंट भी बाढ़ की चपेट में आ गया। संचालक अमित ने बताया कि बाढ़ के पानी से कटाव होने से रेस्टोरेंट का अगले हिस्से में भू-धसांव हो गया। करीब दो लाख रुपये का सामन मलबे में दब गया था। जेसीबी लगाकर मलबे में दबा सामान ढूंढकर निकालने का प्रयास किया। इसमें चार हजार रुपये खर्च हो गए, लेकिन सामान नहीं मिला। प्रशासन की आर से कोई मदद नहीं की।