अतिवृष्टि से गोपेश्वर के समीप बुराली गांव में नाले का मलबा घुस गया। जिससे रातभर गांव में अफरा-तफरी का माहौल रहा। प्रभावित परिवार रात को ही नाले में आए पत्थरों को हटाने में जुटे रहे। नाले में पानी का बहाव इतना तेज था कि वह दो मकानों की दीवारों को तोड़कर निकल गया।
गांव में चार आवासीय मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि तीन मकानों के आंगन को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने गांव के पांच परिवारों को होटल के कमरों में शिफ्ट कर दिया है। नाले के उफान पर आने से गांव की पेयजल लाइनें और पैदल रास्ते ही तहस-नहस हो गए हैं।
बृहस्पतिवार रात करीब 11 बजे से शुरू हुई तेज बारिश शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे थमी। बारिश के दौरान बुराली गांव के समीप से गुजर रहा नाला उफान पर आ गया। गांव के शीर्ष भाग पर पत्थर और लकड़ियां अटक जाने से उसका बहाव गांव की ओेर हो गया। सबसे पहले नाले का पानी रोशन लाल के घर में घुसा।
पानी का बहाव इतना तेज था कि एक कमरे की दीवार तोड़कर पानी शिशुपाल, मुकेश, विनोद, मनोज, कुलदीप, गोविंद सिंह, संजय और गोपाल के घरों में घुस गया। भारी मात्रा में मलबा गांव में घुसने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
गोपेश्वर नगर क्षेत्र के ड्रेनेज के लिए बुराली गांव के ठीक शीर्ष भाग से नाले का निर्माण किया गया है। इसका पानी कोठियालसैंण में अलकनंदा में मिल जाता है। सिंचाई विभाग की ओर से इसका निर्माण किया गया था। स्थानीय निवासी योगेंद्र सिंह बिष्ट, गोविंद सजवाण, धीरेंद्र गरोड़िया, मनोज, कुलदीप, संजय और गोपाल का कहना है कि कई बार भारी बारिश होने पर नाला डायवर्ट होकर गांव की ओर मुड़ जाता है। जिससे घरों में मलबा घुस जाता है।