चंडीगढ़-मनाली एनएच पर मंडी से पंडोह के बीच भूस्खलन होने से वाहनों की आवाजाही बाधित रही। वहीं कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच तंबूमोड़ के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने ने तीन घंटे अवरुद्ध रहा।
चंडीगढ़-मनाली एनएच पर मंडी से पंडोह के बीच करीब नौ घंटों तक बाधित रहने के बाद शनिवार सुबह 8:00 बजे एकतरफरा यातायात के लिए बहाल हो गया। मंडी से पंडोह के बीच में हाईवे पर 5, 6 और 9 मील के पास भूस्खलन होने के कारण भारी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गिरा था। जिस कारण हाईवे यातायात के लिए बंद हो गया था। रात को बारिश और अंधेरा होने के कारण मलबा हटाने का कार्य नहीं किया जा सका। इसलिए सुबह होते ही मशीनरी को तुरंत प्रभाव से इस कार्य में लगा दिया गया। करीब 8:00 बजे सभी स्थानों से मलबा हटाकर हाईवे को एकतरफा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
हाईवे बंद होने के कारण देखने को मिला लंबा जाम
हाईवे के बंद होने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। अधिकतर लोगों ने रात अपने वाहनों में डर के साए में बिताई। सुबह हाईवे बहाल होने के बाद जब लोग अपने गंतव्यों की तरफ रवाना हुए तो राहत की सांस ली। एएसपी सागर चंद्र ने कहा कि मौके पर पुलिस जवान मुस्तैद हैं। वाहन चालक संभल कर ही गुजरें।
साढ़े तीन घंटे कालका-शिमला हाईवे पर थमी आवाजाही
उधर, कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच तंबूमोड़ के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने ने तीन घंटे अवरुद्ध रहा। इस कारण कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यहां पर एक लेन से ही दोनों तरफ की आवाजाही चलने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा।
गनीमत यह रही कि पहाड़ी से भूस्खलन शुरू होने ही ट्रैफिक को रोक लिया गया था। इससे जान व माल को क्षति नहीं पहुंची। वहीं फोरलेन निर्माता कंपनी की टीम से मौके पर पहुंच पहाड़ी से गिरे पत्थर व मलबे को हटाया। पहाड़ी से गिरे अधिक मात्रा में मलबा और पत्थर के कारण सड़क सुचारू करने में तीन घंटे लग गए। बताया जा रहा है कि रात करीब 12:30 से 3:30 तक सड़क पर आवाजाही बंद रही।