कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी जी का कहना है कि मुझे भी समाचार पत्रों द्वारा यह पता चला कि चौबिस सालों में चौबिस गुना हो गई है उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ऐसे में ये सिर्फ एक सरकार का ये एक व्यक्ति का काम में हो सकता अगर अचीवमेंट है उपलब्धि है सही मायने में तो इस उपलब्धि में पूर्ववर्ती सभी सरकारों का योगदान है जितनी भी सरकारें रहीं तिनका तिनका करके बूझकर कि उन्होंने इसमें योगदान
किया है लेकिन इस उपलब्धि को इस वजह से उपलब्धि नहीं माना जा सकता क्योंकि कुछ मैदानी जिलों की अगर प्रतिव्यक्ति आय बढ़ी है तो इसका मतलब यह नहीं कि पर्वतीय क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए देहरादून हरिद्वार उधमसिंह नगर में यदि बेहतर प्रदर्शन हुआ है सरकारों का लेकिन पर्वतीय अंचलों में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है नहीं तो इतना पलायन हो रहा होगा
मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं शिक्षा व्यवस्था नहीं है हेल्थ सेक्टर में काम नहीं हुआ है रोजगार लोगों के पास इसीलिए प्रति बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है और जो चिंताजनक स्थिति बनी हुई है तो कहीं ना कहीं ये जो विकास है यह वर्टिकल है ये और समतल होना चाहिए एक समान होना चाहिए सारे प्रदेशों का प्रदेश के लोगों को सरकार की
रिपोर्टर: लक्ष्मण प्रकाश