राष्ट्रीय रीजनल पार्टी द्वारा आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई जिसमें संयोजक शिव प्रसाद सेमवाल जी ने आठ नौ अगस्त को उत्तराखंड में पहली बार यह जनजाति दिवस मनाया जा रहा है जिसमें राष्ट्रीय रीजनल पार्टी के संयोजक शिवप्रसाद सेमवाल जी का कहना है उत्तराखंड जो बहारी
लोगों को आने वाले समय में जनजाति किया जाए जो लोग वेस्ट बंगाल और दूसरी जगहों से
हमारे नीति नियंताओं को जनजाति को आरक्षण देने के लिए गया क्योंकि जो उत्तराखंड के लोग
जो
झारखंड के आदिवासी
मूल निवासियों के लिए हर तरीके से उनकी पहचान जुड़े आतंकी है
गढ़वाली और कुमाउनी समुदाय की पहचान का अस्तित्व है
इसलिए हम लोगों ने यह मांग की है कि उत्तराखंड में गढ़वाली और कुमाउनी जो पर्वतीय था इसको सन उन्नीस सौ चौहत्तर तक जनजाति का दर्जा
गढ़वाली कुमाउनी के पर्वतीय समुदाय का ये खास जनजाति के अंतर्गत आते हैं और हर समुदाय के अंतर्गत आने वाली तमाम जातियों के जनजाति का दर्जा चौहत्तर में हटाकर हमारी सरकार की भारत काफी मांग जनजाति का दर्जा सौ चौहत्तर में हम सेवा के इसे वापस आज हमने भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री जी
ज्ञापन में लिखा है
इस बारे में हमारा जनजाति का दर्जा वापस बहाल किया जाए आजादी के बाद से लगभग छः सात सौ जातियों जनजातियों में घोषित कर दिया गया है इसके अलावा और नहीं जाती है दो साल में सिक्किम और आशा और सिक्किम और दूसरे इलाकों में दिन होने जा रहे मरीज यह मांगी कि हमारा वापिस ट्विटर दर्जा वापस मांग की है
और दूसरा नौ अगस्त को जड़ों से जुड़ने की प्रयास के रूप में नौ अगस्त को जनजाति दिवस को सार्वजनिक अवकाश राजस्थान सरकार इसे सार्वजनिक अवकाश है
हमारे सरकार से मांग है कि आज यानि नौ अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करे
रिपोर्टर :- लक्ष्मण प्रकाश