उत्तराखंड

देहरादून :- विधानसभा सत्र

विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है तीन दिवसीय सत्र है पहला दिन जो है हमारी दिवंगत नेता चला रानी रावत जी जो केदारनाथ से विधायक थी उनका देहांत हुआ है फोन को श्रद्धांजलि देने में जाएगा दूसरा दिन राज्यपाल जी के अभिभाषण में जायेगा और
तीसरा दिन यानी कि क्लॉथ दिन रखा गया है सत्तर विधानसभाओं की परेशानियों को दुश्वारियों को पीड़ाओं को कष्टों को वहां पर टेबल पर रखने के लिए मंदिर कहा जाता है लोकतंत्र का विधान सभा को और सत्र के लिए बात होते हैं क्षेत्रीय जनता भी और
इन्हें भी जनप्रतिनिधि भी कि सत्र आहूत होगा तो सत्र में प्रदेश की बातों को उठाया जाएगा इस प्रदेश में क्या चल रहा है कलकत्ता से बुरे हाल को हमारे हो रहे हैं हमारे वहां रुद्रपुर की नर्स का गैंगरेप होकर हत्या कर दी गई हमारे वहां आईएसबीटी में सोलह साल की बच्ची के साथ पांच लोगों ने बारी बारी दुष्ट
कम किया और उसको बदहवास हालत में छोड़ गए हमारे वहां हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में किशोर किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रयास हुआ हमारे वहां पिथौरागढ़ में चौकीदार एक नवीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची के साथ छेड़छाड़ कर रहा था और उसको मना करने पर उसने लोहे की रॉड से पीटा है बच्ची अभी भी जो है
स्वास्थ्य लाभ ले रही है तमाम अस्पतालों में उसके माँ बाप को घुमा रहे हैं इसके अलावा मुख्यमंत्री के आवास में सुलेखा नाम की लड़की ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली गणेश जोशी जो मंत्री हैं उनके घर के बाहर कूड़ेदान के पास एक विक्षिप्त हालत में एक औरत का क्षत विक्षत शरीर मिला है उसके अलावा
हरिद्वार की तेरह वर्षीय बहादराबाद में तेरह वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप किया वह भी भाजपा के पदाधिकारी ने ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने सदस्य ने और आप देखिए उसकी निर्मम हत्या कर दी
अनगिनत कांड यहां हो रहे हैं उत्तराखंड को एनसीआरबी जो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो है वो नौ हिमालयी राज्यों में महिला अपराध के क्षेत्र में टॉप पर रखवाया है और कहना है कि देश में हम छठे स्थान पर हैं तो ऐसे में ये सारी बातें अगर सदन में नहीं उठाई जाएगी तो आखिर कहां उठाई जाएंगी खुलेआम वन कर्मी को
दारू के नशे में लड़के पीट रहे हैं
खुलेआम यहां देखिए कि डेढ़ हजार हेक्टेयर वन आग ही आग पर काबू नहीं पाया जा सका यहां पांच साल के बच्चों को गुलदार उठाकर ले जा रहे हैं लोगों के घर के चिराग बुझा रहे ये सारे मुद्दे कहां उठाए जाएंगे अगर मात्र तीन दिन का सत्र होगा और तो और वित्त मंत्री कह रहे हैं मुझे अनुपूरक बजट सत्र में इस बात की जानकारी नहीं थी
तो ये सरकार चल रही सरकस चंद्रा प्रदेश के अंदर तो कहीं न कहीं यह सत्र नाकाफी है इसकी अवधि नाकाफी है और विधान सभा नियमावली में तो साफ तौर पर अंकित है कि एक साल में सात दिन सत्र चलना चाहिए यहां कुल मिलाकर भाजपा के सात आठ साल की सरकार हो गई है सरकार को और यह अभी तक साठ दिन का सत्र नहीं हो पाए

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