केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवा ए जाने की दिशा में एकदम आगे बढ़ गई है इसे देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बनाई उच्च स्तरीय कमेटी की सिफ़ारिशों को मंज़ूर कर लिया है. वही कैबिनेट के द्वारा इस सिफारिश को मंजूर करने के बाद सत्तारूढ दल और विपक्ष के बीच तीखा वार होना शुरू हो गया है जहां एक और भाजपा के नेता करते हुए कहते हैं कि इस फैसले से देश में चुनाव की वजह से जो बहुत खर्च होता है वो कहीं ना कहीं रुक जाएगा लॉ एंड ऑर्डर की भी समस्या से निजात मिलेगी।
वहीं विपक्ष फैसले पर लगातार सवाल खड़ा करते दिख रहा है विपक्ष का कहना है कि भाजपा का यह फैसला सालासर गलत है इस फैसले में अनेकों त्रुटियां है।
आपको बता दे की 1951 से 1967 तक देश में चुनाव एक साथ होते थे. उसके बाद में 1999 में लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में ये सिफ़ारिश की थी देश में चुनाव एक साथ होने चाहिए, जिससे देश में विकास कार्य चलते रहें.
रिपोर्ट :लक्ष्मण प्रकाश