उत्तराखंड

कमजोर हो रहे वनों की सेहत सुधारेगा वन विभाग, कैंपा के तहत मिलेगी राशि

वनों को चिह्नित कर उनके विकास की योजना है। इसके तहत वन प्रभागों से ऐसे जगहों को चिह्नित करने के साथ वहां पर 10 वर्ष तक होने वाले कार्याें की कार्ययोजना बनाकर भेजने का निर्देश दिए थे।

प्रदेश में वनों की सेहत सुधारने की योजना है, इसमें जिन वनों की हालत अच्छी नहीं है, उन्हें घना करने से लेकर घास के मैदान तक विकसित करने का काम होगा। इसके लिए प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) से राशि मिलेगी।

इसके लिए तराई पश्चिम वन प्रभाग ने प्रस्ताव तैयार वन मुख्यालय को भेज दिया है। वन विभाग हर साल प्लांटेशन का काम करता है इसके अलावा जंगल को बेहतर करने के लिए अन्य कदम उठाए जाते हैं। इन प्रयासों के बाद भी कई जगहों की वनों की हालत तुलनात्मक तौर खराब हुई है। वनों को चिह्नित कर उनके विकास की योजना है। इसके तहत वन प्रभागों से ऐसे जगहों को चिह्नित करने के साथ वहां पर 10 वर्ष तक होने वाले कार्याें की कार्ययोजना बनाकर भेजने का निर्देश दिए थे। इसी क्रम में तराई पश्चिम वन प्रभाग ने प्रस्ताव वन मुख्यालय को भेज दिया है।

घास के मैदान विकसित करने से लेकर प्लांटेशन होगा

तराई पश्चिम वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश आर्य कहते हैं कि प्रभाग में उत्तरी जसपुर, पश्चिम जसपुर और रामनगर रेंज के तीन हजार हेक्टेयर के जंगल को चिह्नित करने के साथ 10 वर्ष में किए जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव बनाकर वन मुख्यालय को भेजा है। इसमें चिह्नित जगह पर प्लांटेशन का काम होगा, इसमें मिश्रित वनों पर जोर रहेगा।

इसके अलावा घास के मैदान को विकसित करना, जल और मृदा संरक्षण के कार्य भी होंगे। साल प्रजाति के जंगलों के संवर्द्धन के लिए भी काम होगा, जो भी कार्य होंगे उसके रखरखाव की भी व्यवस्था होगी। लैंसडाेन वन प्रभाग के डीएफओ एनसी पंत कहते हैं कि 1700 हेक्टेयर का प्रस्ताव तैयार कर वन मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button