उत्तराखंडएक्सक्लूसिव न्यूज़

देहरादून :-प्राकृतिक व्यवस्था और व्यवस्था में तकनीकी की क्या हिस्सेदारी हो सकती है उसी का केंद्र बिंदु है.

इस कार्यक्रम में अगर आप गौर से देखेंगे कि जो एक सौ पचास कंपनियां कर रही है वो देश की जानीमानी गया और खासतौर से उन्हें उत्तराखंड में आना उत्तराखंड में अपने को प्रस्तुत करना इसी का परिचायक है.
उत्तराखंड की प्राकृतिक व्यवस्थाओं को इस प्रकार से विज्ञान एक दृष्टिकोण प्रदानy किया जाए जिससे उत्तराखंड में और सारा ऐसा प्राकृतिक जो हमारे पास मूल्यवान है औरउत्तराखंड के अंदर एक नैसर्गिक रूप से प्राकृतिक मनोरम कार्यप्रणाली अगर हम अन्य प्रदेशों की तुलना करते हैं
हमारे यहाँ पर उद्योगों की जो व्यवस्था है .वो क्या है कि हमारे यहां इसी तरह का कोई वायलेंस नहीं है
लोग अपने काम से काम करती हैं और बिना किसी लाग लपेट के हम भाव से मिलकर काम करते हैं
मुझे ऐसा लगता है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल हमारा जनमानस लाभान्वित होगा
उत्तराखंड का आगे का काजू विकसित उत्तराखंड बनने का जो गोद में है.

रिपोर्ट :लक्ष्मण प्रकाश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button