अमर उजाला ने तीन नवंबर के अंक में एक भी डीएम ने नहीं भेजी भूमि की खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद शासन स्तर से बताया गया था कि जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो रही है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हरिद्वार और नैनीताल के जिलाधिकारियों से भूमि की खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर देने को कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में रिपोर्ट के संबंध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक के दौरान बताया गया कि 11 जिलों से शासन को रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है।
बता दें कि अमर उजाला ने तीन नवंबर के अंक में एक भी डीएम ने नहीं भेजी भूमि की खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद शासन स्तर से बताया गया था कि जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाए थे। भाजपा ने जवाब में कहा था कि रविवार तक पांच जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी थी। सोमवार तक शासन को 11 जिलाधिकारियों ने रिपोर्ट भेज दी।
जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव ने भू-कानून के प्रावधानों के विपरीत भूमि की खरीद-फरोख्त अथवा भूमि खरीद संबंधित अनुमति के किसी भी प्रकार के उल्लंघन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि विशेष प्रयोजन के लिए भू अनुमति प्राप्त होने पर भी उस भूमि का उस विशेष उद्देश्य के लिए उपयोग न करने पर अथवा किसी भी प्रकार से भू कानून के उल्लंघन की दशा में जिलाधिकारी कड़ी कार्रवाई करें। बैठक में बताया गया कि हरिद्वार और नैनीताल जिले को छोड़कर बाकी 11 जिलों से रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो चुकी है। सीएस ने हरिद्वार और नैनीताल के जिलाधिकारी को मंगलवार तक हर हाल में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। बैठक मे प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव चंद्रेश यादव भी मौजूद रहे।
मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा
सोमवार को सचिवालय में हुई बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को भूमि खरीद संबंधित अनुमति का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) के तहत सेक्शन 166 व 167 के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
रुद्रप्रयाग और चंपावत को छोड़ नौ जिलों में हुआ उल्लंघन
शासन को प्राप्त 11 जिलों की रिपोर्ट के अनुसार, नौ जिलों में भू-कानून के तहत दी गई अनुमति के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ, जिनमें कुछ मामलों में जिलाधिकारियों के स्तर पर कार्रवाई हुई है। रुद्रप्रयाग और चंपावत जिले में भू उपयोग के उल्लंघन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। नौ जिलों में जिन प्रकरणों में भूमि के निर्धारित प्रयोजन के लिए भू उपयोग नहीं किया गया है, उनके संबंध में मुख्य सचिव ने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।