उत्तराखंड

होटलों को ढहाने का काम जारी, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की याचिका पर

सुप्रीम कोर्ट जोशीमठ भू-धंसाव से जुड़ी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए याचिका दी है। सुप्रीम कोर्ट की कार्यसूची के अनुसार चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा व जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ मामला सुनेगी। 

जोशीमठ के कई और घरों में भी रविवार को नए सिरे से दरारें आ गईं। औली रोपवे के प्लेटफॉर्म में आई दरार भी चौड़ी हो गई। होटल स्नो क्रेस्ट और कोमेट तेजी से झुक रहे हैं।

सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने की कार्रवाई रविवार चौथे दिन भी जारी है। दो दिनों तक टीम ने होटल में रखीं सामग्री को क्रेन के सहारे जमीन पर उतारा और उसके बाद पानी की टंकियों को खाली करवाया। पीएमओ से सचिव मंगेश घिल्डियाल जोशीमठ पहुंच गए हैं।

शनिवार को हथौड़े से होटल का डिस्मेंटल का काम शुरू हो गया है। दोनों होटलों को चरणबद्ध तरीके से अगले पांच दिनों में ध्वस्त कर दिया जाएगा। इन होटलों को लोक निर्माण विभाग के मजदूरों व एसडीआरएफ की टीम डिस्मेंटल कर रही है। मजदूरों के द्वारा होटल की खिड़की व दरवाजों के साथ ही अन्य सामान को निकालने के बाद अब हथौड़े और घन के सहारे होटल की दीवारों को तोड़ा जा रहा है।

210 लोगों को 1 करोड़ 9 लाख 77 हजार की धनराशि वितरित कर दी गई है। अब दूसरी प्राथमिकता लोगों के मन से भय का वातावरण दूर करना है। सरकारी तंत्र के साथ ही भाजपा कार्यकर्ता इस भय के माहौल को दूर करने में लगे हैं। औली में शीतकालीन स्कीइंग खेलों के आयोजन को शुरू कराना भी सरकार की प्राथमिकता है। नगर के दो क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं जबकि जोशीमठ का बढ़ा हिस्सा सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि विस्थापन आपद प्रभावितों की इच्छानुसार किया जाएगा। पुनर्वास स्थल के लिए पांच जगहों का विकल्प रखा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button