उत्तराखंड

आत्मरक्षा में चुनरी, चूड़ी और रूमाल बनेंगे महिलाओं के

आत्मरक्षा में महिलाएं मोबाइल, चूड़ी, चुनरी और रुमाल को भी हथियार बना सकती हैं। इसके लिए गौरा शक्ति अभियान के तहत 35 महिला पुलिसकर्मियों को मास्टर ट्रेनर के तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। तीन दिन के प्रशिक्षण के बाद अब ये महिला पुलिसकर्मी प्रदेशभर में महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी। उन्हें बताएंगी कि किस तरह रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें उनका हथियार बन सकती हैं।

महिला पुलिसकर्मियों का यह प्रशिक्षण 20 से 22 फरवरी तक पुलिस लाइन में चला। डीजीपी अशोक कुमार ने बुधवार को शिविर का समापन किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को अक्सर चुनौतियों से अकेले लड़ना पड़ता है। छेड़खानी जैसी घटनाओं में महिलाएं अपराधियों को सबक सिखा सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित करना जरूरी है। इसके लिए पहले महिला पुलिसकर्मियों को मास्टर ट्रेनर के तौर पर तैयार करने के लिए तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया।

शिविर में पुलिसकर्मियों पुलिस के जूडो, कराटे प्रशिक्षकों ने स्मार्ट सेल्फ डिफेंस के अंतर्गत प्रशिक्षित किया है। ये 35 महिला पुलिसकर्मी स्कूल, कॉलेज, गांव, मोहल्लों में जाकर महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देंगी। इन महिला पुलिसकर्मियों को आगे जूडो और ताइक्वांडो आदि की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button